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PATNA : राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में लेक्चरर की कमी जल्द दूर होगी। इस साल नवंबर-दिसंबर से विश्वविद्यालयों में खाली लेक्चरर के पद भरे जाने की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कवायद शुरू कर दी है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग सात हजार पदों पर बहाली होनी है। विभाग ने अगस्त-सितंबर तक विश्वविद्यालय सेवा आयोग गठन करने का लक्ष्य रखा है। नवंबर-दिसंबर से बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

3,364 पद भरने की प्रक्रिया जारी

शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पद 13,564 हैं। वर्तमान में 6,079 कार्यरत हैं और रिक्त 7,485 पदों पर नियुक्ति होनी है। यह रिक्त पद बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही बहाली के अतिरिक्त हैं। आयोग के माध्यम से सहायक प्रोफेसर के 3,364 पदों पर अभी बहाली की प्रक्रिया चल रही है। विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन के बाद शेष पदों पर बहाली आयोग के माध्यम से होगी।

आयोग गठन की कवायद शुरू

सूत्रों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने पिछले साल विधानमंडल से पारित विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन की दिशा में कवायद शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय सेवा आयोग में एक अध्यक्ष और अधिकतम 6 सदस्य होंगे। अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष का होगा।

अध्यक्ष की सेवानिवृति की अधिकतम आयु 72 वर्ष और सदस्यों की 70 वर्ष होगी। मुख्य सचिव के समकक्ष या भारत सरकार में सचिव के समकक्ष पद पर कार्यरत या सेवानिवृत व्यक्ति अध्यक्ष हो सकते हैं या वैसे व्यक्ति, जिन्हें विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य का अनुभव हो या फिर शिक्षाविद् हो। छह सदस्यों में न्यूनतम आधे सदस्य प्राचार्य होंगे, जिन्हें प्राचार्य के पद पर 5 वर्षो का अनुभव होना आवश्यक होगा।