- दिल्ली से ऑपरेट कर रहा गैंग, तीन दिन में सौ से ज्यादा शिकायत

- सबसे अधिक शिकार इंदिरा नगर और गोमती नगर के

mayank.srivastava@inext.co.in

LUCKNOW :

प्लास्टिक मनी का चलन जैसे जैसे बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे ही साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। एटीएम कार्ड क्लोन के जरिए ठगी करने वाले गैंग दिल्ली में बैठकर पिछले 72 घंटों में 60 से ज्यादा लोगों को चूना लगा दिया। ठगी का शिकार लोगों के बैंक खातों से 10 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक गायब हो गये। पीडि़तों में सबसे अधिक गोमती नगर और इंदिरा नगर के हैं।

सरकारी बैंक के खाताधारक टारगेट पर

साइबर सेल प्रभारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि शातिर गैंग के मेंबर्स ने गोमती नगर और इंदिरा नगर एरिया में स्थित उन एटीएम बूथ पर टारगेट किया है जहां पर गार्ड तैनात नहीं रहते हैं। सबसे ज्यादा फ्रॉड के मामले सरकारी बैंक के एटीएम के जरिए किए गए हैं। उसके पीछे कारण है कि सरकारी बैंक के खातेदार ज्यादा हैं और वह एटीएम का यूज भी ज्यादा करते हैं।

स्कीमर चिप से बनाते हैं क्लोन

गैंग के सदस्यों ने गोमती नगर, इंदिरा नगर, मुंशीपुलिया समेत कुछ चुनिंदा एटीएम बूथ पर स्वैप मशीन में स्कीमर चिप लगा रही है। यह चिप कागज से भी पतली पन्नी में चिपका कर स्वैप मशीन में फंसा देते हैं। जैसे ही कोई एटीएम मशीन का यूज करता है, स्कीमर मशीन कार्ड का डाटा रीड कर लेता है और सारी डिटेल चिप के जरिए शेयर हो जाती है। इसके अलावा बूथ पर मशीन के ऊपरी हिस्से पर कैमरा लगाकर पासवर्ड का भी शातिर ठग पता लगा लेते हैं।

दिल्ली से कर रहे ऑपरेट

शातिर ठग एटीएम का डाटा चुराने के बाद ऑनलाइन एकाउंट से कैश उड़ा लेते है। सरकारी बैंक की लिमिट ज्यादा होने के चलते खासतौर पर उन्हीं बैंक के एकाउंट को टारगेट किया जा रहा है। इसके अलावा मिड नाइट में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया जाता है ताकि पांच मिनट के भीतर तीन से छह बार एकाउंट से कैश ट्रांसफर किया जा सके। साइबर सेल प्रभारी के अनुसार अभी तक ऑन लाइन जितने भी फ्रॉड हुए है उससे यह जानकारी मिली है कि दिल्ली में बैठकर गैंग आपरेट कर रहा है।

बदलते रहें एटीएम का पासवर्ड

साइबर सेल प्रभारी अरुण सिंह ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सबसे मजबूत सेफ्टी है कि आप अपने एडीएम का पासवर्ड समय समय पर बदलते रहें। पासवर्ड भी स्ट्रांग होना चाहिए ताकि साइबर फ्रॉड करने वाले उसे क्रैक न कर सके। इसके अलावा केवल उन्हीं बूथ पर एटीएम का यूज करें जहां सिक्योरिटी गार्ड हो।

यह बने फ्रॉड का शिकार

- खुशीराम, इंदिरा नगर निवासी : 20 हजार

- निवासी अल्पना, सुरेंद्र नगर : 70 हजार

- सौरभ कुमार, आलमबाग : 20 हजार

- सागर ढींगरा, आलमबाग : 25 हजार

- उमेश चन्द्र सक्सेना, गाजीपुर : 4500

- काजोल, चिनहट : 25 हजार

- शसेन्द्र यादव, गोमती नगर : 25 हजार

- राम प्रकाश, इंदिरानगर : 25 हजार

- अभिषेक गुप्ता, चिनहट : 10 हजार

- सुष्मिता खन्ना, इंदिरानगर : 12 हजार

- नरेन्द्र नाथ, इंदिरानगर : 1.60 लाख

- गंगाराम : इंदिरा नगर : 25 हजार

(60 से ज्यादा अन्य लोगों के खाते से ऑनलाइन फ्रॉड हुआ)

बरतें सावधानी

- अपने एटीएम का पिन समय समय पर बदलते रहें।

- उस एटीएम बूथ से पैसा निकालने जिसमें गार्ड की ड्यूटी हो

- एडीएम कार्ड स्वैप करने से पहले स्वैप मशीन को चेक कर ले कि कोई पन्नी युक्त चिप तो नहीं लगी

- इसके अलावा एटीएम के ठीक ऊपर कोई कैमरा तो नहीं लगा जिसका मुंह सीधे कि-बोर्ड की तरफ हो

- हर तीसरे ट्रांजेक्शन के बाद एटीएम कार्ड का पासवर्ड जरूर बदलते रहे

ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें

- क्लोन कार्ड के जरिए अगर ऑनलाइन फ्राड होता है तो 36 घंटे के भीतर बैंक को इसकी सूचना दें।

- ट्रांजेक्शन के बाद बैंक से पास बुक की इंट्री जरूर कराए

- संबंधित थाने में सूचना देकर एफआईआर दर्ज कराए

- एफआईआर कापी और बैंक स्टेटमेंट के साथ साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज कराए

- फ्रॉड से पहले लास्ट ट्रांजेक्शन वाले एटीएम की भी पुलिस को सूचना जरूर दें।