- एलयू में हर साल कई सब्जेक्ट और कॉलेजों में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स के फेल होने का मामला आता है सामने

- अब विभागाध्यक्ष और प्राचार्य अपने स्तर से जरूरी समझने पर कर सकते हैं दोबारा मूल्यांकन की मांग

LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी में अब किसी भी कोर्स में 75 प्रतिशत से ज्यादा स्टूडेंट्स के फेल होने पर दोबारा मूल्यांकन कराया जाएगा। यह व्यवस्था जल्द ही यूनिवर्सिटी में शुरू करने जा रही है। इसके लिए यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग की ओर से एक प्रस्ताव बनाकर एलयू वीसी को भेजा जाएगा। दरअसल, एलयू में हर एग्जाम के रिजल्ट जारी होने के बाद किसी न किसी एक सब्जेक्ट या कॉलेज के रिजल्ट में सामूहिक तौर पर स्टूडेंट्स के फेल होने का मामला सामने आता है। आमतौर पर इन केस में ज्यादातर स्टूडेंट्स को जीरो से लेकर दो, चार या दस नंबर तक दिए जाते हैं। ऐसी ही समस्याओं से एलयू को बीते दिनों सामना करना पड़ा था, जिसके बाद वीसी ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए नई व्यवस्था शुरू करने का प्रस्ताव परीक्षा समिति की बैठक में देने कहा था।

एक सब्जेक्ट और कॉलेज को मिलेगा मौका

एलयू के परीक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि तैयार किए जा रहे प्रस्ताव में अगर किसी कोर्स या कॉलेज में 75 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट्स फेल होते हैं तो उनको दोबारा मौका दिया जाएगा। इसके तहत रैंडम स्पेलिंग फॉर्मूला के तहत उस कोर्स या कॉलेज की कॉपियां चेक की जाएंगी। इसके लिए विभागाध्यक्ष और कॉलेज के प्राचार्यो को स्टूडेंट्स की शिकायतों के बाद एलयू में इसके लिए आवेदन करना होगा। तभी एलयू इस प्रक्रिया के तहत कॉपियों को दोबारा से चेकिंग कराने की अनुमति देगा।

कॉपियों की रैंडम होगी चेकिंग

सूत्रों का कहना है कि एलयू में मौजूदा समय में आरटीआई के तहत पैसा देकर कॉपियों को दोबारा से मूल्यांकन कराने का प्रावधान है। ऐसे में इस प्रक्रिया को भी उसी में शामिल किया जा सकता है। इसके तहत उस कोर्स या कॉलेज की कॉपियों का बंडल बनाया जाएगा। इसमें से करीब 25 प्रतिशत कॉपियों की रैंडम चेकिंग की जाएगी। यह देखा जाएगा कि उनका मूल्यांकन सही हुआ है या नहीं।