अपने लिए फ्लैट का चुनाव करते समय वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण नियमों पर गौर करना चाहिए। दरअसल, फ्लैट का निर्माण करते हुए बिल्डर हर हिस्से का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहते हैं इसलिए वास्तु के नियमों की अनदेखी हो जाती है। ऐसे में फ्लैट खरीदते हुए कुछ वास्तु नियमों का पालन आपके जीवन को प्रसन्नता और खुशियों से भर सकता है:
1. जिस भूखंड या जमीन पर वह बहुमंजिला इमारत बनी है जिसमें आपका फ्लैट है, वह आयताकार होनी चाहिए। इसके साथ ही उत्तर और पूर्व दिशा में ज्यादा खुली जगह भी होनी चाहिए।
2. यह भी ध्यान रहे कि आप जहां फ्लैट खरीद रहे हैं, वहां आसपास बड़ा अस्पताल, श्मशान, कब्रिस्तान, कसाईखाना न हो क्योंकि इन जगहों से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है।
3. किसी भी ऐसी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में फ्लैट खरीदना चाहिए, जिसके उत्तर या पूर्व दिशा अथवा ईशान कोण में भूमिगत पानी की टंकी, कूप या नलकूप हो। अन्य किसी भी दिशा या कोण में जल स्रोत का होना शुभ नहीं माना जाता है।
4. बहुमंजिला इमारत की चारदीवारी उत्तर की तुलना में दक्षिण में और पूर्व की तुलना में पश्चिम में ज्यादा ऊंची होनी चाहिए।
5. बहुमंजिला इमारत का मुख्य द्वार एवं फ्लैट का दरवाजा दोनों ही अवरोध रहित होने चाहिए।
6. बहुमंजिली इमारत में ऊपर जाने की सीढ़ियां ईशान कोण में नहीं बल्कि दक्षिण या पश्चिम में घड़ी की सुइयों की दिशा में होनी चाहिए। ऐसा फ्लैट जो सीढ़ियों के एकदम सामने पड़ता हो, कभी न खरीदें।
7. याद रहे कि किसी भी बहुमंजिला इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर रहने वालों पर वास्तु दोषों का पूरा प्रभाव पड़ता है। इन दोषों का प्रभाव ऊपरी मंजिल पर रहने वालों पर क्रमश: कम होता जाता है।
8. फ्लैट में बालकनी उत्तर, ईशान या पूर्व दिशा में होनी चाहिए ताकि सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा और प्रकाश का लाभ मिल सके।
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