- बीते साल सितंबर से अब तक 405 फिक्स डोज कांबीनेशन वाली दवाएं हुई प्रतिबंधित

- प्रतिबंधित दवाओं का स्टाक अभी भी स्टॉकिस्ट और डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के पास

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KANPUR: दर्द, बुखार, ब्लड प्रेशर समेत कई बीमारियों के दौरान दी जाने वाली 80 तरह की फिक्स डोज कांबीनेशन वाली दवाएं स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रतिबंधित कर दी हैं। इन दवाओं की मेनुफैक्चरिंग, सेल और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी गई है। इसी के साथ फिक्स डोज कांबीनेशन वाली दवाओं पर प्रतिबंधों की लिस्ट अब 405 हो गई है। बीते साल सितंबर में भी 325 एफडीसी ड्रग्स पर प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार के इस फैसले का असर दवा कंपनियों के अलावा इन दवाओं के डिस्ट्रीब्यूटर्स मेडिकल स्टोर वालों पर भी पड़ेगा। कानपुर में ही थोक मार्केट और रिटेलर्स के पास इन दवाओं का करोड़ों का स्टॉक मौजूद है। अब इन दवाओं का वह क्या करें इसको लेकर असमंजस में हैं।

करोड़ों का कारोबार

जिन 80 फिक्स डोज कांबीनेशन वाली दवाओं पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाया है उनका हर साल 900 करोड़ का कारोबार देश में है। एफडीसी ड्रग्स को लेकर बीते साल से प्रतिबंधों का दौर चल रहा है। जिन 80 एफडीसी ड्रग्स पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसमें नामी दवा कंपनी इंटास,एबट, एरिस्टो, एल्केम, सिप्ला, मैनकाइंड, सनफार्मा जैसी कंपनियां इस प्रतिबंध से प्रभावित होगी। हालाकि दवा व्यापारियेां से बातचीत में वह बताते हैं कि इस लिस्ट में शामिल कई दवाएं दवा कंपनियां पहले ही बनाना बंद कर चुकी हैं। काफी दिनों से यह दवाएं मार्केट में नहीं हैं। कुछ डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के पास पुराना स्टॉक जरूर है।

सरकारी सप्लाई में शामिल

फिक्स डोज कांबीनेशन वाली कई दवाएं ऐसी भी हैं जिनकी सरकारी अस्पतालों में भी सप्लाई हैं। मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पताल हो या फिर उर्सला व स्वास्थ्य विभाग के दूसरे अस्पताल इनके पास भी ऐसी दवाओं की उपलब्धता है। जिन्हें मरीजों को न देकर दवा कंपनियों को वापस कराना भी अब बड़ी समस्या बन गया है।

एंटीबायोटिक-

सेफटैक्लेव, सेफग्लोव ओजेड, वानको प्लस

ब्लड प्रेशर- लोरैम-एच, सारटेक,टेराम एच

दर्द बुखार- ऑडम पी, निसिप कोल्ड,व्यूपिस्ट्रोन प्लस

एंटी फंगल- आरफ्लेज किट, वैि1गनोवेकट

एंजाइटी, हाईपरटेंशन - टेलीप्रिल एच,रेस्टा

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वर्जन-

फिक्स डोज वाली दवाओं को लेकर सरकार पिछले साल से ही कार्रवाई कर रही है। इस वजह से दवा कंपनियों ने भी इन दवाओं को बनाना बंद कर दिया है। मार्केट में अब ये दवाएं बेहद कम हैं।

- राजेंद्र सैनी, महामंत्री यूपी दवा व्यापारी एसोसिएशन

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फिक्स डोज वाली दवाओं पर प्रतिबंध की सूचना मिली है। अभी शासन की ओर से कोई सर्कुलर नहीं मिला है। पहले भी इन एफडीसी ड्रग्स पर प्रतिबंध लगाया गया था,लेकिन दवा कंपनियां कोर्ट चली गई। शासन से सर्कुलर आता है तो उसे लागू कराया जाएगा।

- अरविंद कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर