-इंडियन व यूरेशियन प्लेट के टकराने से निकली ऊर्जा भूकंप में बदली

-ऑफ्टर मेन शाक भूकंप के 12 झटके शाम 7 बजे तक लग चुके हैं

-इयर 1934 में बिहार नेपाल बार्डर पर 8.4 तीव्रता का भूकंप आया था

KANPUR:

इंडियन टेक्टानिक प्लेट व यूरेशियन टेक्टानिक प्लेट के टकराने की वजह से नेपाल बेस्ड 7.9 तीव्रता का भूकंप आया। हिमालय पर्वत के नीचे यह दोनों प्लेटें आपस में टकराई हैं। जिसकी वजह से यह भूकंप आया है। शाम 7 बजे तक भूंकप के 12 झटके लग चुके हैं। अब यह झटके करीब तीन महीने तक आते रहेंगे। हालांकि इनकी तीव्रता कम होती जाएगी। इयर 1934 के बाद देश में इतनी तीव्रता का भूकंप आया है। हालांकि इस भूकंप का मुख्य सेंटर नेपाल के पोखरा के पास पहाड़ पर केंद्रित था। भूकंप की तीव्रता 7.9 रिकार्ड की गई है। इंडिया को भूकंप के 5 जोन में डिवाइड किया गया है। कानपुर जोन 3 में आता है। कानपुर शहर में शनिवार की दोपहर में आए भूकंप की इनटेंसिटी v थी

टेक्टानिक प्लेटें टकराई धरती कांपी

आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अर्थक्वेक इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ। दुर्गेश चन्द्र राय ने बताया कि यह भूकंप पूरे इंडिया में आया है। देश का कोई भी एरिया इससे अछूता नहीं रहा है। इंडियन टेक्टानिक प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे आ गई। दोनों के बीच टकराव होने लगा। इससे जो उर्जा निकली वह भूकंप में चेंज हो गई। इन दोनों प्लेटों के टकराने की वजह से हिमालय पर्वत उठ गया और धरती कांपने लगी।

भ्0 टेक्टानिक प्लेंटस हैं

धरती में तीन लेयर है। पहली लेयर सालिड(क्रस्ट) है दूसरी लेयर सेमीफ्लूड(मेटल) और तीसरी लेयर फ्लूड(कोर) है

क्रस्ट एरिया म्0 से 70 किमी की गहराई के बीच वाला होता है। टेक्टानिक प्लेट सेमी फ्लूड एरिया में मूव करती है। दुनिया में करीब भ्0 के आसपास टेक्टानिक प्लेट्स हैं।

जोन भ् में गुजरात का कच्छ एरिया

भूकंप के हिसाब से जोन भ् सबसे ज्यादा खतरनाक जोन में है। इस जोन में गुजरात का कच्छ एरिया, नार्थ ईस्ट, अंडमान निकोबार आता है। इयर ख्00क् में भुज में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी।

जोन ब् में दिल्ली

भूकंप के जोन ब् में नई दिल्ली, जम्मू कश्मीर, यूपी व बिहार का तराई वाला एरिया और नेपाल शामिल है।

कानपुर जोन फ् में आता है

गंगा किनारे बसे होने की वजह से कानपुर जोन फ् में आ गया है। मैदानी एरिया में भूकंप के झटके काफी दूर तक लगते हैं। नेपाल से कानपुर की दूरी भ्00 किलोमीटर के अंदर है। यही वजह है कि यहां पर झटका काफी तेज महसूस किए गए हैं। हालांकि यह ऐसा भूकंप रहा है जो कि पूरे देश में आया है। जोन तीन में यूपी का पूरा तराई एरिया और मैदानी एरिया आता है। एमपी की नर्मदा घाटी का एरिया भी जोन तीन में आता है। महीन बालू और मोटी बालू के एरिया में झटके कम लगते हैं। जबकि मिडिल एरिया में झटके ज्यादा जोर के लगते हैं। गंगा के किनारे बसे शहरों में इसका अहसास ज्यादा होगा।

जोन ख् में बुंदेलखण्ड

जोन ख् में यूपी का बुंदेलखण्ड एरिया, राजस्थान, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु आता है।

ऑफ्टर मेन शाक के बाद झटके

पहला झटका भ्.क्

दूसरा झटका म्.7

तीसरा झटका भ्.भ्

चौथा झटका भ्

पाचवां झटका ब्.8

छठा झटका ब्.9

सातवां झटका ब्.7

आठवां झटका भ्.0

नौवां झटका भ्.फ्

दसवां झटका भ्.क्

ग्यारहवां झटका भ्.म्

बारहवां झटका भ्.8

मेन शॉक के बराबर झटके

इयर क्999 में टर्की में आए भूकंप के झटके की तीव्रता 7.म् थी। इसके बाद जो झटका आया था वह भी इसी लेवल का था। इसी तरह से क्999 में ही ताईवान के चिची में मेन झटका 7.म् का था और इसके बाद तीव्रता का जो झटका आया वह म्.8 का रहा था। जिसकी वजह से काफी दिक्कत आई थी।

कब कब भूकंप आया

इयर क्8फ्फ् बिहार नेपाल बेस्ड तीव्रता 8 के आसपास

इयर क्90भ् में हिमांचल के कांगड़ा में जो भूकंप आया उसकी तीव्रता 7.8 थी।

इयर क्9फ्ब् बिहार नेपाल बेस्ड भूकंप की तीव्रता 8.ब् थी

इयर क्999 में चमौली में भूकंप की तीव्रता म्.8 रिकार्ड की गई थी

इयर क्99क् में उत्तर काशी में भूकंप की तीव्रता म्.8 थी।