नौकर व मालिक को एक साथ सजा

नोएडा के निठारी कांड के नौवें मामले में विशेष सीबीआइ कोर्ट के जज पवन कुमार तिवारी ने सुरेंद्र कोली व मनिंदर सिंह पंधेर को फांसी की सजा सुनाई है। दोनों पर अदालत ने 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को गुरुवार को दोषी करार दिया था। इसके पहले आठ मामलों में सुरेंद्र कोली व दो मामलों में मनिंदर सिंह पंधेर को फांसी की सजा हो चुकी है। सजा पर बहस के दौरान सुरेंद्र कोली ने एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए बहस करने से मना कर दिया। निठारी कांड में यह तीसरा ऐसा मामला है जिसमें नौकर व मालिक को साथ-साथ फांसी की सजा हुई है।

न‍िठारी कांड में बड़ा फैसला,फ‍िर सुनाई गई नौकर व मालिक को साथ-साथ फांसी की सजा

मृत्युदंड दिया जाना न्यायहित में

हालांकि एक मामले में हाई कोर्ट ने पंधेर को बरी कर दिया था। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। कोली अभी सात और मामले में आरोपी है, जबकि पंधेर पर दो मामले लंबित हैं। पुलिस ने शुक्रवार को सुबह सुरेंद्र कोली व मनिंदर सिंह पंधेर को डासना जेल से सीबीआइ कोर्ट में पेश किया। सजा पर जिरह के बाद 116 पेज के फैसले में अदालत ने दोपहर 1.10 बजे दोनों को सजा सुनाते हुए कहा कि सभ्य समाज के लिए दोनों कलंक बन चुके हैं। दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी के अपराध में मृत्युदंड दिया जाना न्यायहित में है।

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तनख्वाह के बहाने अंदर ले गया

फैसले से पहले सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा दोनों को फांसी दिए जाने की मांग पर अड़े रहे। अपहरण के बाद दुष्कर्म व हत्या पर हुई सजा पश्चिम बंगाल स्थित मुर्शिदाबाद की रहने वाली अंजलि अपने मामा के साथ रहते हुए दो बेटों की परवरिश कर रही थी। अच्छी नौकरी की तलाश में वह काफी दिनों से थी। सुरेंद्र कोली 10 अक्टूबर 2006 को उसे कोठी में काम और अच्छी तनख्वाह दिलाने के बहाने अंदर ले गया। वहां चुन्नी से गला घोंटकर बेहोश कर दिया। उसके साथ दुष्कर्म के बाद शव ठिकाने के लिए उसे काट पीटकर नाले व गलियारे में फेंक दिया था।

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