119 करोड़ के बजट के इंतजार में नगर निगम

ओडीएफ योजना के तहत निर्माण पर लगे ब्रेक

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम की तैयारियों पर बजट की कमी भारी पड़ सकती है। दिसंबर माह में नगर निगम को शहर के विकास के लिए 119 करोड़ रुपये के बजट की उम्मीद थी, लेकिन बजट अभी तक पास नहीं हो सका है। ऐसे में निगम के काम बजट के अभाव में थमने लगे हैं। खासतौर पर बजट की कमी का सीधा असर स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान पर पड़ रहा है।

बजट से बदलाव की बयार

सफाई, सड़क, पेयजल, कूड़ा निस्तारण आदि योजनाओं के लिए नगर निगम ने करीब 119 करोड़ रुपये का बजट बनाकर कमिश्नर को भेजा है। इस बजट में करीब 93 करोड़ 14वें वित्त आयोग और करीब 26 करोड़ रूपये निगम को अवस्थापना निधि से दिसंबर तक मिलना था। मगर बजट में देरी होने से निगम की योजनाएं प्रभावित होने लगी हैं।

बजट की मांग

बजट ना मिलने से नगर निगम के लेखा विभाग ने भी पुनरीक्षित बजट भुगतान करने में असमर्थता जता दी है। लेखा विभाग ने नगर आयुक्त को पत्र भेजकर भुगतान के लिए बजट की मांग की है। लेखा विभाग के अधिकारियों के अनुसार निगम के स्रोत से होने वाली आय से बोर्ड फंड का काम होता है। आय कम है और खर्चा अधिक हो रहा है। सभी विभाग का बजट ओवर हो चुका है। ऐसे में बिना बजट के निगम ने विभागों में काम आगे बढ़ाने में असमर्थता जता दी है।

ठेकेदारों ने खींचे हाथ

वहीं नगर निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ओडीएफ (ओपन डिफेक्शन फ्री) भी अधर में लटकने लगा है। बजट ना मिलने से शौचायल निर्माण करने वाले ठेकेदारों ने काम बीच में रोकने तक की चेतावनी दे दी है। गत सप्ताह ठेकेदारों ने नगरायुक्त से मिलकर भुगतान कराने की मांग की थी। ठेकेदारों ने आरोप लगाए थे कि दो-दो माह पुराने भुगतान तक नहीं किए गए हैं।

इस माह बजट मिलने की संभावना है इसलिए नगरायुक्त को भी अवगत करा दिया गया है।

गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

घर-घर जाकर दे रहे सफाई की सीख

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए कैंट बोर्ड की ओर से घर-घर जाकर कैंटवासियों से फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। इसके तहत उन्हें कैंट को स्वच्छ रखने के साथ ही कूड़ा व गंदगी को भी साफ करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत कैंट बोर्ड ने टीम गठित की है, जिसमें 8 सीनियर ऑफिसर, 16 सुपरवाइजर व 400 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा कूड़े के निस्तारण लिए 35 ठेले, 3 जेसीबी, 5 डंपर का प्रयोग किया जा रहा है।

अलग-अलग हैं फॉर्म

कैंट बोर्ड की ओर से स्वच्छता को लेकर घरों और दुकानों के लिए अलग-अलग फॉर्म भरवाए जा रहे हैं, जिसमें कुछ सवालों के जवाब लोगों को देने हैं। इसके साथ ही सभी कैंटवासियों को डस्टबिन भी मुहैया कराए जा रहे हैं। जिससे गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग रखा जा सके। दरअसल, 10 जनवरी के बाद से स्वच्छता सर्वेक्षण भी शुरू हो सकता है। लिहाजा, कैंट बोर्ड ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

कैंट बोर्ड की ओर से स्वच्छता को लेकर विशेष कदम उठाए गए हैं। इसके तहत सभी कर्मचारियों को अलग-अलग वार्ड में तैनात किया गया है। जनवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रही हैं।

अनुज सिंह, सीईई, कैंट बोर्ड