-कई महिला मोर्चा पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा

-पदों से त्याग पत्र देने वालों ने प्रदेश प्रभारी पर लगाए आरोप

-आगे की रणनीति पर सोमवार देर शाम हुआ मंथन

DEHRADUN: अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में पड़ी फूट उत्तराखंड में थमने का नाम नहीं ले रहा रही है। रविवार को आप उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अनूप नौटियाल के इस्तीफा देने के बाद तमाम पदाधिकारियों के इस्तीफे शुरू हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

प्रभारी को हिटलरशाही करार दिया

क्म् जुलाई को हरिद्वार में बैठक और क्7 जुलाई को अचानक आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनूप नौटियाल व प्रदेश कोषाध्यक्ष रणबीर चौधरी का इस्तीफा। कार्यकर्ता भी समझ नहीं पाए, लेकिन प्रदेश सह प्रभारी विवेक यादव पर आरोप हैं कि वह अपनी मनमर्जी से उत्तराखंड में पार्टी को चलाना चाहते थे। जिसको पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ताओं ने गलत करार दिया और शुरुआती तौर पर प्रदेश अध्यक्ष अनूप नौटियाल व प्रदेश कोषाध्यक्ष ने रविवार को अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के इस्तीफे के बाद अब बाकी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के भी इस्तीफे शुरू हो गए हैं। जानकारी के अनुसार सोमवार को अनूप नौटियाल के समर्थन में महिला मोर्चा अध्यक्ष पूजा भल्ला, ऋषिकेश महिला मोर्चा अध्यक्ष मंजू शर्मा, विकासनगर महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन पारछे, कैंट महिला मोर्चा अध्यक्ष दीपा नेगी ने भी पार्टी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। पूजा भल्ला को राज्य के चार जिलों में महिला मोर्चा का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा हुआ था। इन सभी ने उत्तराखंड प्रदेश से सह प्रभारी विवेक यादव एवं प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष पुष्पा रावत की नीतियों, हिटलरशाही व कार्यप्रणाली के साथ महिला मोर्चा अध्यक्ष को दिल्ली से आयातित बताते हुए काफी समय पहले से विरोध किया था, जिसको पार्टी ने अनसुना कर दिया था।

वेट एंड वाच की स्थिति में

इस्तीफा देने वालों ने कहा कि पार्टी के समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को चुन कर पार्टी से बाहर कर रही है, जिससे वे दुखी हैं। यह भी आरोप हैं कि प्रदेश अध्यक्ष अनूप नौटियाल को प्रदेश सह प्रभारी विवेक यादव द्वारा पद छोड़ने को मजबूर किया गया। हालांकि पार्टी को भेजे इस्तीफे में यह भी कहा कि वे आम कार्यकर्ता बनकर पार्टी को राज्य में मजबूत करेंगे। बताया जा रहा है कि फिलहाल पार्टी से रिजाइन करने वाले कार्यकर्ता जल्दबाजी के मूड में नहीं हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि पार्टी की तरफ से इस्तीफा देने वालों को रिजाइन स्वीकार नहीं किए गए हैं। अनूप नौटियाल का कहना है कि वे व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। परिवर्तन को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा। लेकिन वे यह बताने में कतराते रहे कि आगे उनका अगला कदम क्या होगा। इधर, बताया जा रहा है कि सोमवार देर शाम इस्तीफा देने वालों की आगे की रणनीति पर मंथन हुआ।