- केन्द्र सरकार के पहले यूनियन बजट को लेकर आई नेक्स्ट ऑफिस में हुआ ग्रुप डिस्कशन, सोसाइटी के हर वर्ग का रहा रिप्रेजेंटेशन

- डिस्कशन में शामिल लोगों ने बतौर होम मिनिस्टर की बजट की समीक्षा और यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर को दिये मा‌र्क्स

VARANASI:

शनिवार को आम बजट के ठीक बाद आई नेक्स्ट ऑफिस में ग्रुप डिस्कशन हुआ। जहां टीवी पर यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की घोषणाएं थीं वहीं आई नेक्स्ट ऑफिस में कई तबके और प्रोफेशन के होम मिनिस्टर्स थे। आप सोच रहे होंगे होम मिनिस्टर कैसे? अजी, जिन लोगों को हमने इन्वाइट किया वो कहीं न कहीं किसी ने किसी रूप में अपने घर के होम मिनिस्टर ही थी जिन पर अपने घर के फाइनेंस को मैनेज की जिम्मेदारी रहती है। स्टूडेंट का पार्टिसिपेशन ही एक अपवाद था। इन सभी ने बजट में किए गये प्रावधानों को अपने-अपने हिसाब से रिव्यू किया और फिर छह पॉइंट्स पर बतौर होम मिनिस्टर यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर को मा‌र्क्स दिए। देखिये क्या कुछ निकल के सामने आया फाइनेंस मिनिस्टर वर्सेज होम मिनिस्टर के इस खेल में

अच्छा है ये बजट

ग्रुप डिस्कशन में हायर स्टडी के लिए विदेश जाने की इच्छा रखने वाला स्टूडेंट भी थे तो घर का खर्च मेंटेन कर सब कुछ मैनेज करने वाली हाउस वाइफ भी थीं। सरकारी और गैर सरकारी नौकरी करने वाले लोग भी थे तो रिटायर्ड और कानूनी सलाहाकार संग बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए फाइनेंशियल एडवाइजर भी मौजूद थे। लगभग दो घंटे के इस ग्रुप डिस्कशन के दौरान सभी ने न सिर्फ पूरे बजट पर अपनी राय दी बल्कि इस बजट को ओवरआल पब्लिक हित में बताया। आम पब्लिक के तौर पर मौजूद इन होम मिनिस्टर्स ने फाइनेंस मिनिस्टर की ओर से पेश किए गए बजट के बारे में कहा कि ये बजट अमीर से लेकर गरीब को देने वाला है। इसलिए इसे अच्छा बजट कहना गलत नहीं होगा।

काफी अच्छा तो कुछ बुरा भी

ग्रुप डिस्कशन में शामिल लोगों का कहना था बजट खराब नहीं था लेकिन स्टूडेंट्स को निराश करने वाला जरुर है। क्योंकि हायर स्टडी करने के लिए लोन की ब्याज दर में कोई कमी न होना और सरकारी शिक्षण संस्थानों में आसानी से एडमिशन न मिलना बड़ी प्रॉब्लम है। जिसपर इस बजट के दौरान कोई ध्यान नहीं दिया गया है। बजट की खास बातों में मुख्य रुप से तीन नई योजनाओं अटल पेंशन योजना, पीएम बीमा सुरक्षा योजना और पेंशन पाने वालों के लिए जीवन ज्योति योजना की शुरुआत को अच्छा प्रयास बताया। इनकम टैक्स में किसी तरह की कोई छेड़छाड़ न किए जाने को हर किसी ने सही बताया और इसे मीडिल क्लास के लिए बड़ी राहत माना। ओवरहाल गु्रप डिस्कशन में शामिल लोगों ने सरकार के इस पहले यूनियन बजट की जमकर तारीफ की और इसे पब्लिक का बजट बताते हुए ओवरआल क्0 में से आठ नंबर दिए।

फाइनेंस मिनिस्टर वर्सेज होम मिनिस्टर्स का रिपोर्ट कार्ड

टैक्स टॉक (इनकम टैक्स व अन्य टैक्स)

8 नम्बर

होम मिनिस्टर्स ने बजट में इनकम टैक्स स्लैब संग छेड़छाड़ न किए जाने का स्वागत किया और इसे मीडिल क्लास फैमली के लिए हितकर बताया। वहीं कारपोरेट टैक्स को फ्0 से ख्भ् परसेंट किए जाने के फैसले का स्वागत करते इसके दूरगामी अच्छे परिणाम मिलने की संभावना जताई। सभी का मानना था कि इससे लागत में कमी आएगी तो इसका लाभ कंज्यूमर्स को भी मिलेगा। होम मिनिस्टर्स ने ये भी कहा कि भले ही सर्विस टैक्स बढ़ने से महंगाई बढ़ाना माना जा रहा है लेकिन ओवरआल ये महंगाई नियंत्रित रखने का बजट होगा। डिस्कशन में शामिल लोगों ने टैक्स मामले में फाइनेंस मिनिस्टर को क्0 में 7 नम्बर दिए।

- घर का सपना

(होमलोन व मकान बनाने से संबंधित चीजें)

म् नम्बर

- फाइनेंस मिनिस्टर की ओर से बजट में घर के सपने को पूरा करने के लिए ख्0ख्ख् तक हर किसी को घर देने का वादा किए जाने के फैसले को होम मिनिस्टर्स ने भविष्य की सोच तो बताया लेकिन इस सपने को पूरा करने में पब्लिक को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिसके लिए सरकार की ओर से बहुत कुछ खास न किए जाने पर लोग नाखुश दिखे। इसलिए पैनल में शामिल सात लोगों की ओर से दिए गए नंबर के आधार पर इस सेग्मेंट में फाइनेंस मिनिस्टर्स को मिले क्0 में म् नम्बर ही मिले।

- पढ़ाई-लिखाई

(एजुकेशन लोन, नए इंस्टीट्यूट्स आदि)

7 नम्बर

ग्रुप डिस्कशन में स्टूडेंट से लेकर नौकरी पेशा समेत हर वर्ग के लोग शामिल थे। इसलिए बजट में एजुकेशन के लिए क्या कुछ खास रहा इस बारे में हर किसी ने दिल खोलकर बोला। स्टूडेंट ने इस बजट को ठीक तो कहा लेकिन एजुकेशन लोन के ब्याज में कमी न होने से लेकर नये टेक्निकल इंस्टीट्यूट के एलान न किए जाने को स्टूडेंट हित में नहीं बताया। वहीं बाकि लोगों ने स्टूडेंट को मिलने वाली स्कॉलरशिप से मीडिल क्लास फैमली के सपनों के पूरा होने की बात कहीं और इस मुद्दे पर फाइनेंस मिनिस्टर को क्0 में 7 नम्बर दिए।

- किचन की बात

(किचन पर सीधे असर डालने वाली चीजें)

म् नम्बर

आम बजट के बाद किचन पर कुछ खास असर पड़ता नहीं दिखा। ये मानना था इस चर्चा में शामिल हाउस वाइफ का। किचन की जिम्मेदारी संभालने वाली इस होम मिनिस्टर का कहना था कि पहले से ही महंगाई ने कमर तोड़ी हुई है और फिलहाल इस बजट में ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे बड़ी राहत मिली हो और किचन का बजट मेंटेन हो सके। इसलिए इस होम मिनिस्टर समेत ग्रुप में शामिल बाकि लोगों के टोटल नंबर्स को काउंट करने के बाद फाइनेंस मिनिस्टर को क्0 में सिर्फ म् नम्बर ही मिले।

- लाइफस्टाइल

8 नम्बर

(टीवी, फ्रिज, गैजेट्स, खाना-पीना, आउटिंग व एपरेल्स आदि)

आम बजट में सरकार की ओर से सर्विस टैक्स में बढ़ोत्तरी के फैसले को गु्रप डिस्कशन में शामिल होम मिनिस्टर्स ने गैर जरुरी बताया। क्ख्.म् परसेंट से सीधे क्ब् परसेंट सर्विस टैक्स किए जाने को सभी न गलत बताया क्योंकि सरकार के इस फैसले का सीधा असर फोन बिल्स से लेकर इलेक्ट्रानिक आइटम की खरीद और रेस्टोरेंट में खाना खाने तक पर पड़ने वाला और अब इन जगहों पर पहले से ज्यादा रुपये देने होंगे। हालांकि इसमे भी कुछ लोगों का कहना था कि जिस तरह से सरकार सब कुछ हाईटेक कर रही है। उसके लिए किसी सोर्स से तो रुपये जुटाने हैं। इसलिए इस वे से रुपये देना खलेगा नहीं और सभी ने बजट के इस फैसले को भी दिए क्0 में से 8 नंबर।

ऑटोमोबाइल्स

(कार व बाइक्स)

8 नम्बर

ग्रुप डिस्कशन में शामिल होम मिनिस्टर्स ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए सरकार के इस बजट को फ्यूचर बजट बताया और आम आदमी के लिए फायदे का सौदा बताते हुए इसे दस में से आठ नंबर दिए। होम मिनिस्टर्स का कहना था कि कारपोरेट टैक्स में पांच परसेंट की छूट से प्रोडक्ट की लागत कम होगी। जिससे इसके रेट में कमी आयेगी और छोटी गाडि़यां, टू व्हीलर्स आदि सस्ते होंगे। जबकि कार जो वर्ग मेंटेन करता है उसके लिए इस बजट से कोई खास परेशान नहीं आने वाली है। इस लिहाज से फाइनेंस मिनिस्टर को 8 नम्बर मिलने चाहिए।

ये बजट बहुत संतुलित है लेकिन स्टूडेंट हित में नहीं है। मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि आज का युग तकनीकी शिक्षा का युग है और हर छात्र अपनी हायर एजुकेशन सरकारी टेक्निकल कॉलेज या फिर किसी दूसरे सरकारी कॉलेज से करना चाहता है। बावजूद इसके इस बजट में ऐसी कोई भी घोषणा नहीं हुई है। जिसके बाद कहा जा सके ये स्टूडेंट का बजट है। सरकार को छात्रों के लिए एजुकेशन लोन का ब्याज भी कम करना चाहिए था। क्योंकि छात्र पढ़ता तो है लेकिन एजुकेशन लोन के रूप में ज्यादा इंटरेस्ट का लोड लेकर।

-सूरज प्रताप सिंह, स्टूडेंट

भले सरकार ने इस आम बजट में कई नई योजनाओं की घोषणा की हो। पेंशन से लेकर कई अच्छी योजनाओं का तोहफा सीनियर सिटीजन को मिला हो लेकिन मैं इससे पूरी तरह से खुश नहीं हूं क्योंकि जब फाइनेंस मिनिस्टर ने इतना ज्यादा ध्यान दिया सीनियर सिटीजन पर तो पेंशन भोगी को कर से मुक्त कर देना चाहिए था क्योंकि पेंशन पाने वाले के सामने तो खुद खर्च करने की समस्या होती है और ऊपर से टैक्स भरने के बाद कुछ बचता ही नहीं है। हालांकि बाकी बजट अच्छा और संतुलित है।

- अशोक कुमार श्रीवास्तव, सीनियर सिटीजन

मेरे हिसाब से ये बजट खास नहीं तो खराब भी नहीं है। मैं प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करता हूं और मेरे लिए सैलरी ही सब कुछ है। मेरे सपने बहुत सीमित हैं। इसलिए छोटी छोटी चीजें मेरे लिए मायने रखती हैं। चूंकि फाइनेंस मिनिस्टर ने इस बजट में टैक्स स्लैब को टच नहीं किया उससे बड़ी राहत मिली है और इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस में छूट का प्रावधान भी राहत देने वाला है। लेकिन सर्विस टैक्स मेरे जैसे लोगों के लिए कुछ तकलीफ बढ़ाने वाला है।

- ज्ञानेन्द्र माहेश्वरी, सर्विसमैन, प्राइवेट सेक्टर

आज महंगाई हर घर में कलह की बड़ी वजह है। सैलरी पाने वाले लोग पूरे महीने अपने घर का खर्च सही से चला ले ये उनके लिए बहुत बड़ा चैलेंज है। किचन मैनेज करो तो बच्चों की पढ़ाई पर असर पढ़ता है, बच्चों के एजुकेशन पर कभी ज्यादा खर्च हो जाये तो घर का पूरा बजट बिगड़ जाता है। इसलिए उम्मीद थी कि इस बजट में महंगाई कम होगी लेकिन ऐसा होता दिखा नहीं है। फिर भी उम्मीद है कि इस बजट से आने वाले दिनों में अच्छा असर दिखेगा।

- वंदना रघुवंशी, हाउस वाइफ

इस बार का बजट सोशल सिक्योरिटी और सोशल क्लास को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। काफी बैलेंस बजट है। टैक्स में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई लेकिन मेक इन इंडिया के सपने को सच करने के लिए कारपोरेट टैक्स में पांच परसेंट की कमी कर दी गई। मीडिल क्लास को भले न छुआ गया हो लेकिन हाई क्लास से जरुर वसूलने की कोशिश की गई है। ओवरहाल ये कह सकता हूं कि ये बजट फ्यूचर बजट है और इसका असर अभी नहीं बाद में पॉजिटिव दिखेगा।

- डॉ केशरी नंदन शर्मा, सर्विसमैन, गवर्नमेंट सेक्टर

सरकार की ओर से पेश हुए इस बजट में सब चीजों की एक काट को प्रस्तुत किया गया है वह है ब्लैक मनी के लिए बनाया गया सख्त कानून। ब्लैक मनी छिपाने वाले को दस साल की सजा और हर किसी को अपने खातों की जानकारी सार्वजनिक करने के फैसले को अगर सच में कड़ाई से लागू करा दिया जायेगा तो देश में बजट की प्रॉब्लम ऐसे ही दूर हो जायेगी। करप्शन कर विदेशों में जा रहे पैसे पर रोक लगेगी और महंगाई से लेकर और दूसरे गंभीर मुद्दों खुद पर खुद सुलझने लगेंगे। इसलिए मेरे हिसाब से तो ये बजट बेहतरीन है।

- आशुतोष शुक्ला, एडवोकेट

ये बजट सर्व गुण सम्पन्न है। कॉरपोरेट टैक्स में कमी से लागत कम होगी और निवेश बढ़ेगा। यूं कहिये कि ये बजट तीन मायनों में काम कर रहा है। पहला इस बजट में जिसको जरुरत थी यानि गरीब और मीडिल क्लास को उसको सरकार ने दिया उनसे कुछ लिया नहीं और हाई क्लास जो देने में सक्षम है उससे विदेशों में करेंसी रखने के नाम पर दो परसेंट शेस सहित अन्य टैक्स वसूल कर जरुरत मंदों को देने का काम किया है। सातवें वेतन आयोग के लागू होने, बच्चों को छात्रवृत्ति मिलने और कई और फैसलों के बाद मीडिल क्लास को सरकार ने छुआ भी नहीं और पूरा मौका दिया है जिंदगी सुधार संग जीने का। इसलिए ये बजट आम आदमी का बजट है।

- डॉ अनूप मिश्रा, इकोनॉमिस्ट