अक्षय नवमी के अवसर पर आंवले के पेड़ की विधि-विधान से हुई पूजा, प्रसाद का लगाया गया भोग

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PRAYAGRAJ: कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी का पर्व उल्लास और श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। मान्यता के मुताबिक शुक्ल पक्ष की नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ के नीचे विश्राम करते हैं। यही वजह रही कि मिंटो पार्क परिसर से लेकर मुनि भारद्वाज आश्रम के परिसर तक में अक्षय नवमी पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। आंवले के पेड़ की विधि-विधान से पूजा की गई। खासतौर से महिलाओं ने पेड़ पर कच्चा धागा बांधा और पेड़ की सात बार परिक्रमा कर संतान व परिजनों की समृद्धि की कामना की। जगह-जगह पूजा के बाद खीर, पूड़ी, सब्जी व मिष्ठान का भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया गया।

मेला में उमड़ी आस्था

अक्षय नवमी के अवसर पर महर्षि भारद्वाज मुनि आश्रम सेवा समिति की ओर से भारद्वाज आश्रम के परिसर में मेला का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष अजीत गोस्वामी की अगुवाई में परिसर के अंदर पदाधिकारी श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करते रहे। आश्रम परिसर से लेकर कर्नलगंज चौराहे तक खानपान, झूला व श्रृंगार की सामग्री के दर्जनों स्टाल लगाए गए थे।

भव्यता से निकली झांकियां

श्री भरत मिलाप कमेटी की ओर से कर्नलगंज चौराहे पर भरत मिलाप समारोह का आयोजन किया गया। कमेटी के अध्यक्ष रवीन्द्र पाल की अगुवाई में पदाधिकारियों ने भारद्वाज आश्रम में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता जानकी व हनुमान जी की झांकी का तिलक लगाकर पूजन किया गया। उसके बाद बैंड की धुन पर सभी झांकियां कर्नलगंज चौराहा, थाना चौराहा, नेतराम चौराहा होते हुए देर शाम वापस कर्नलगंज चौराहे पर पहुंची। जहां चारों भाई एक-दूसरे को गले लगाया।