- हज आजमीनों का पहला जत्था राजधानी से रवाना

- राज्यमंत्री मोहसिन रजा और बलदेव सिंह औलख ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

LUCKNOW:पहले बादशाह अपने यहां वजीर रखते थे लेकिन अब बादशाह की जगह जनता ने ले ली है और हम आपके वजीर हैं। हमारा काम आपकी खिदमत करना है। आप अल्लाह के मेहमान हैं और उन मेहमानों की खिदमत करने का मौका हमें मिला है। यह बातें राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने शनिवार को सरोजनी नगर हज हाउस से हज यात्रा पर रवाना होने वाले पहले जत्थे के आजमीनों से मुखातिब होते हुए कहीं।

झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्य अतिथि हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा व अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने हज यात्रा की पहली उड़ान से जाने वाले आजमीनों की बस को झंडी दिखाकर रवाना किया। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे रवाना होने से पहले हज हाउस में मोहसिन रजा ने आजमीनों से मुखातिब होते हुए आजमीनों को मुबारकबाद दी और हज की इबादत के दौरान देश में अमन व सुकून कायम रहने के लिए दुआ करने को कहा।

ये रहे मौजूद

इस मौके पर ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना सुफियान निजामी, सेंट्रल हज कमेटी की सदस्य फिरोजा बानो, मोहम्मद अशरफ, हज कमेटी के सचिव विनती, आरपी सिंह आदि मौजूद रहे।

योगी जी को लेकर प्रोपोगंडा

राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने हज यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग सीएम योगी जी को लेकर प्रोपोगंडा कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और है। चार साल से दिल्ली में भाजपा सरकार है दो साल यूपी की सरकार को होने को हैं। आज देश के कोने कोने से हज यात्री जा रहे है उनकी जिम्मेदारी हमारी सरकार की है।

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तिरंगा और गुलाब देकर दी मुबारकबाद

आजमीनों को मोहसिन रजा ने गुलाब का फूल और तिरंगा देकर मुबारकबाद दी। इस बीच कई हज यात्री ने उनको गले से लगाया। मोहसिन रजा ने कहा कि अगर इंतजाम में कोई कसर रह गई है तो अगले साल उसे और भी बेहतर किया जाएगा।

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इबादत में गुजारे वक्त

ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आप अल्लाह के मेहमान बनकर वहां जियारत करने जा रहे हैं। वहां ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत और अल्लाह को याद करते हुए गुजारें। वहां परिवार के साथ मुल्क में शांति और अमन की दुआ भी करें।

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अल्लाह हुम्मा लब्बैक

लब्बैक अल्लाह हुम्मा लब्बैक नारे के साथ शनिवार को दोपहर 12 बजे की उड़ान के लिए हज यात्रियों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ। आजमीनों को विदा करने के लिए बाहर परिजनों की भीड़ जुटी रही। लोगों ने हाथ हिलाकर अपने आजमीन को रुख्सत किया। अल्लाह के दरबार में जाने की खुशी और अपने से जुदा होने के गम के साथ सबकी आंखें नम हो गई। हज हाउस से सात एसी बसों से आजमीनों को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लाया गया। इससे पहले जाने वाले सभी 300 आजमीनों को 2100 सऊदी रियाल दिए गए। पहली फ्लाइट से 155 पुरुष और 145 महिलाएं हज मुबारक के सफर पर रवाना हुई। वहीं पहले दिन की दूसरी फ्लाइट रात दस बजे रवाना हुई।

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कुबूल हुई दुआ

1- अल्लाह ने हमारी दुआ कुबूल की। यह मेरी किस्मत का सबसे मुबारक मौका है। बस अल्लाह हमारे हज के सारे अरकान सात खैरियत के करवा दे और हमारे हज को कुबूल फरमाए।

मोहम्मद उस्मान, उन्नाव

2- अब और इंतजार नहीं हो रहा। बस यहीं तमन्ना है कि जल्द से जल्द अल्लाह के दरबार में पहुंच जाएं। अल्लाह की बारागाह में हमारे जाने की ख्वाहिश पूरी हुई।

मोहम्मद इलियास, रायबरेली

3- हज मुबारक के लिए काफी समय से कोशिश कर रहा था। मैं अपनी पत्‍‌नी और मां के साथ हज पर जा रहा हूं। यहां पर इंतजाम काफी अच्छा रहा।

मोहम्मद सदरुद्दीन, रायबरेली

4- अल्लाह का लाख-लाख शुक्र है कि उसने अपनी बारागाह में मुझे आने की तौफीक अता फरमाई। मेरी दिली तमन्ना थी कि एक बार हज मुबारक का सफर करूं।

फारूख अहमद, गोंडा

5- अपनों से इतने दिन दूर रहने का अफसोस है, मगर उससे ज्यादा हज की खुशी है। अब अल्लाह पाक हमारे सारे अरकान सात खैरियत के पूरे करवा दे बस।

समरून निशा, रायबरेली