- एसी खराब होने की रोजाना 4-5 शिकायतें आ रहीं

BAREILLY : किला के जागृति नगर में गैस रिफिलिंग के दौरान एसी का आउटडोर यूनिट ब्लास्ट होने की घटना बरेली के किसी भी कोने में कभी भी हो सकती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि लोग एसी तो लगवा रहे हैं, लेकिन उसकी सर्विसिंग को लेकर अवेयर नहीं है। उससे भी बड़ा खतरा अनट्रेंड मैकेनिक्स का होना, जिन्हें यह मालूम ही नही होता है कि सर्विसिंग का क्या तौर-तरीका है और किस तरह गैस फिल की जाती है। यह चूक हादसे के रूप में सामने संडे दोपहर सामने आई।

 

10 हजार से अधिक एसी की बिक्री

शहर में इलेक्ट्रॉनिक की 30 से अधिक दुकानें हैं। जहां से प्रत्येक सीजन में 10 से 12 हजार विंडो व स्पि्लट एसी की बिक्री होती है। 90 फीसदी स्पि्लट एसी की ही बिक्री होती है। जबकि, 10 परसेंट विंडो एसी। इस समय इंवर्टर टेक्नोलॉजी पर बने एसी की भी खूब डिमांड है। क्योंकि, इससे इस्तेमाल पर बिजली की 40 फीसदी कम खपत है। एसी की बिक्री के साथ उसके खराब होने की शिकायतें भी इस समय बढ़ी है। रोजाना 4-5 शिकायतें एसी खराब होने की दुकानदारों और मैकेनिक के यहां पहुंच रही है। सबसे अधिक समस्या एसी के कूलिंग न करने की आ रही है। जो कि एक बड़े हादसे की ओर संकेत कर रही है। क्योंकि, ऐसा तभी होता है, जब सर्विसिंग नहीं होती है।

 

सर्विसिंग न होने से खतरा

एसी की एक सीजन में कम से कम तीन बार सर्विसिंग होनी बेहद जरूरी है। क्योंकि, डस्ट जमने से एसी की हीट बाहर नहीं निकलता है, और एसी के ब्लास्ट होने का डर रहता है। क्योंकि, एक एसी से 60 से 70 डिग्री सेल्सियस गर्मी आउटडोर यूनिट से बाहर निकलती है। उसी के अकॉर्डिग एसी कूलिंग भी करती है, लेकिन जब डस्ट होता है, तो गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और कूलिंग भी कम होता है। जिससे एसी अंदर से हीट हो जाती है। ऊपर से यदि गर्मी अधिक पड़ती है, तो वह इस स्थिति में और भी बुरा असर डालता है। गर्मी से एसी के अंदर प्रेशर बनता है और वह जल जाती है या फिर ब्लास्ट हो जाती है। इससे बचने के लिए एसी इस्तेमाल करने से पहले उसकी सर्विसिंग जरूरी है। दूसरी बार बीच में और तीसरी बार सीजन खत्म होने के बाद सर्विसिंग कराकर ही एसी रखना चाहिए।

 

सिलिंडर की हवा निकालनी जरूरी

वायरिंग और सर्विसिंग की तरह ही गैस भरने से पहले टंकी का वैक्यूम करना बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर गैस भरते समय टैंक के फटने का डर रहता है। बिजनेस से जुड़े लोगों ने बताया कि जो गैस भरी जाती है वह कंडेसेबल गैस होती है। टैंक में जाते ही लिक्विड में कंवर्ट हो जाती है। लेकिन वैक्यूम नहीं किए जाने की स्थिति में टैंक में पहले से मौजूद नॉन कंडेसेबल गैस लिक्विड में नहीं बदल पाती, लिहाजा गैस भरते समय प्रेशर बढ़ जाता है और टैंक ब्लॉस्ट कर जाती है।

 

एल्यूमिनियम नहीं कॉपर से वायरिंग

एक्सपर्ट के अकॉर्डिग अगर अधिक लोड वाले जैसे एसी, फ्रीज और कूलर का इस्तेमाल हो रहा है, तो उसके लिए कॉपर का वायर यूज करना चाहिए। डेढ़ टन की एसी के लिए 4 एमएम मल्टीफ्लक्स का वायरिंग होना चाहिए। इतना ही नहीं फायर प्रूफ वायर का यूज करने से भी आग लगने के चांसेज कम हो जाता है। रेजिडेंस को ध्यान देने वाली बात यह होती है कि, अधिक लोड वाले इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट यूज करने के लिए अलग से वायर फेज होनी चाहिए। इससे एक साथ एसी, कूलर व फ्रीज यूज करने पर भी लोड बट जाता है। जिससे कोई हादसा होने का चांस नहीं रहता है।

 

सावधानी है जरूरी

- मिनी सर्किट ब्रेकर (एमसीबी) का यूज करे।

- एल्यूमीनियम के जगह कॉपर का वायर यूज करना बेटर।

- मकान में प्रयोग हो रही बिजली के मुताबिक लोड बढ़ाए।

- वायरिंग ठीक करवाएं व उसमें आईएसआई मार्का वायर का यूज करें

- समय-समय पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की सर्विसिंग कराना जरूरी

- इलेक्ट्रॉनिक सामान पर निर्माताओं के निर्देश का पालन करें।

- यह सुनिश्चित करें कि पोल से वायर लूज न बंधा हो।

- विंडो एसी के लिए फाइबर का शेड लगाए।

- एसी का फिल्टर रेगुलर साफ करें।

- एसी का वायर लाइन अलग हो।

- आग लगने पर 100 नंबर डायल करे।

 

 

ज्यादातर लोगों की शिकायत होती है कि एसी कूलिंग नहीं कर रही है। यदि, सर्विसिंग समय-समय पर होती रहे, तो इस तरह ही समस्या नहीं होगी। सबसे अधिक स्पि्लट एसी की बिक्री होती है।

मनोज अरोड़ा, ओनर, शोरूम

 

एसी चलने से आउटर यूनिट से करीब 60 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हवा बाहर निकलती है। 3 सर्विसिंग बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर एयर पास नहीं होता और खतरा बढ़ जाता है। वहीं गैस भरने से पहले वैक्यूम जरूरी है।

सादिक, मैकेनिक