यमुना एक्सप्रेस-वे में छह सालों में 5000 के करीब सड़क हादसे हो चुके हैं
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KANPUR: यमुना एक्सप्रेस वे का सफर जितना ही सुहाना और तेज रफ्तार है, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक भी साबित हो रहा है। यानी, एक्सप्रेस वे पर हुई जरा सी गलती वाहन चलाने वाले ड्राइवर के साथ ही उसमें सवार सभी लोगों के लिए कभी भी काल बन सकती है। इसी लापरवाही और अनियंत्रित रफ्तार के चलते पिछले 6 सालों में 705 जानें मौत की भेंट चढ़ चुकी हैं।

ओवर स्पीड बनता मुख्य कारण
सोर्सेस से मिली जानकारी के अनुसार 2012 में शुरू हुए यमुना एक्सप्रेस वे पर 2018 आते-आते 4,900 सड़क हादसे हो चुके हैं। इन सड़क हादसों में 8,205 लोग प्रभावित हुए, जिसमें 7,500 लोग घायल हुए। एक्सप्रेस वे अथॉर्टी के अनुसार अधिकांश हादसे ओवरस्पीडिंग, कोहरे और तड़के सुबह ड्राइवर को झपकी आने के कारण्ा से हुए।

चेतावनी के बाद भी नहीं सीख

- यमुना एक्सप्रेस वे पर अब तक 2.3 करोड़ ओवर स्पीड वाहनों की पहचान

-कार्रवाई के नाम पर सिर्फ 18 हजार वाहनों का ही चालान किया जा सका।

- वाहनों पर नजर रखने के लिए 55 कैमरे और 19 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

-कंट्रोल रूम में लगी स्क्रीनों पर भी वाहनों की जाती है निगरानी

-कार के लिए 100 किमी/घंटा और भारी वाहनों के लिए 60 किमी/घंटा स्पीड निर्धारित

-गति सीमा के प्रति सचेत करने को जगह-जगह संकेतक भी लगाए गए हैं।

सावधान जरा ध्यान दीजिए

- ड्राइवर की नींद पूरी न होने पर उसे वाहन ड्राइव न करने दें।

- रात को सफर करते वक्त ड्राइवर पानी, चाय के लिए पूछते रहें।

- वाहन में सवार सभी लोग सीट बेल्ट का इस्तेमाल जरूर करें।

- अगर वाहन ओवर स्पीड हो तो ड्राइवर को तुरंत टोक दें।

- टायर के एयर प्रेशर को चेक करा लें। टायरों की कंडीशन पर भी ध्यान दें।

- हाईवे पर अचानक वाहन का लेन न चेंज करें। इंडीकेडर देकर ही लेन बदलें

 

आंकड़े

- सिटी में एक साल में कुल 1479 मौतें एक्सीडेंट में हुई।

 

- 1085 लोग हुए रोड एक्सीडेंट में घायल।

 

- 655 लोगों की मौत हुई रोड एक्सीडेंट में।

 

- 65 घटनाएं रांग साइड चलने से हुई, जिसमें से 30 मौते हुई।

 

नोट- आंकड़े ट्रैफिक विभाग के अनुसार। विभाग के अनुसार अधिकांश घटनाओं में लापरवाही ही बनती है एक्सीडेंट का कारण।