कानपुर। देश में कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को लेकर एक बड़ी खबर आई है। गृह मंत्रालय ने इसे अगले और पांच सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार ने इस संगठन को राष्ट्र के लिए खतरा मानते हुए इस पर फिलहाल पिछला बैन बरकरार रखा है। मंत्रालय का कहना है अगर इसकी गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगा तो यह विध्वंसक गतिविधियों को जारी रखेगा। इसके साथ ही यह देश में अपने सदस्यों को फिर से एक जुट करेगा। यह राष्ट्रहित में खतरनाक होगा।  

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कई हिंसक वारदात अंजाम दे चुके

देश में सिमी के सदस्य कथित ताैर पर कई हिंसक वारदात अंजाम दे चुके हैं। इसे सबसे पहले 2001 में एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था। इसके बाद यह सिलसिला काफी लंबे समय तक चला। इसके बाद एक बार फिर 2014 में भी सरकार ने इसके बैन को जारी रखा था। खबरों की मानें तो सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में की गई थी। कथित रूप से इस संगठन का मकसद भारत को इस्लामिक राज्य में परिवर्तित करना है। इसके लिए यह नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों के जरिए देश के युवाओं को दूषित करता है।

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