1009 एंबुलेंस आरटीओ में रजिस्टर्ड

514 फर्जी एंबुलेंस की होनी है जांच

8 फर्जी एंबुलेंस शुक्रवार को पकड़ी गई थीं

- राजधानी में दौड़ रही 500 से अधिक एंबुलेंस की होगी जांच

- फर्जी तरीके से चल रही एंबुलेंस से लिया जाएगा रोड टैक्स

- मरीजों को अच्छे डॉक्टरों के पास ले जाने के नाम पर लेते हैं मोटी रकम

LUCKNOW:

सेवा में नहीं, धंधे में लगी हैं राजधानी की एंबुलेंस। मरीजों की सेवा के नाम पर आरटीओ ऑफिस में रजिस्टर्ड 500 से अधिक ऐसी एंबुलेंस की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो मानकों का उल्लंघन कर सड़कों पर दौड़ रही हैं। यह आदेश परिवहन विभाग ने आरटीओ को दिए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार इनके मालिकों ने फर्जी प्रपत्रों के जरिए इनका रजिस्ट्रेशन कराया है।

केयर ऑफ में डॉक्टर का नाम

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में एक हजार नौ एंबुलेंस रजिस्टर्ड हैं। शुरुआती जांच में 514 एंबुलेंस ऐसी पाई गई हैं जो फर्जी रूप से रजिस्टर्ड की गई हैं। इन्हें किसी डॉक्टर के केयर ऑफ नाम से दर्ज किया गया है। जल्द ही आरटीओ ऑफिस से इसकी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त कार्यालय भेजी जाएगी। गौरतलब है कि फर्जी एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन का खुलासा बीते शुक्रवार को अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा गंगाफल ने किया था। उन्होंने ट्रामा सेंटर के पास आठ फर्जी एंबुलेंस पकड़ी थीं।

जांच के लिए 3 कर्मचारी तैनात

आरटीओ प्रशासन एके सिंह ने बताया कि सभी एंबुलेंस के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। फाइलों की जांच के लिए तीन कर्मचारियों को तैनात किया गया है। जिनके भी रजिस्ट्रेशन फर्जी निकलेंगे, उनके मालिकों को नोटिस भेजेंगे और उनका रजिस्ट्रेशन एंबुलेंस की कैटेगरी से रद कर रोड टैक्स वसूला जाएगा।

फर्जी प्रपत्रों के सहारे दर्ज की गई एंबुलेंस की जांच के आदेश दिए गए हैं। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं आरटीओ के कर्मचारियों की मिली भगत से इनका रजिस्ट्रेशन तो नहीं किया गया। यदि ऐसा हुआ तो कर्मचारियों पर भी एक्शन होगा।

गंगाफल

अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा

परिवहन विभाग

यह है नियम

- आरटीओ ऑफिस में एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराने पर उनसे रोड टैक्स नहीं लिया जाता है।

- एंबुलेंस किसी सरकारी हॉस्पिटल, विभाग या फिर किसी समाज सेवी संस्था के नाम से रजिस्टर्ड की जाती है।

- किसी एक डॉक्टर के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता है।

यह किया जाना है बदलाव

अभी प्राइवेट नर्सिगहोम में चलने वाली एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन फ्री होता है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्राइवेट नर्सिगहोम मरीजों को काई छूट नहीं देते हैं। ऐसे में इन नर्सिगहोम में चलने वाली एंबुलेंस से रोड टैक्स लेने की तैयारी है।

कमाई कर रहे संचालक

राजधानी में मरीजों की सेवा के नाम पर एंबुलेंस संचालक लोगों से वसूली कर रहे हैं। वे बाहर से आने वाले मरीजों को अच्छे डॉक्टर के पास ले जाने के नाम पर मनचाही रकम वसूलते हैं। इनमें मानक के अनुसार उपकरण भी नहीं होते हैं। और तो और इनमें सवारियां भी ढोई जाती हैं।