क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: जिला प्रशासन के पास मोबाइल पर व्हाट्सअप ग्रुप चलाने वालों की मानिटरिंग के लिए तकनीकी रूप से कोई हथियार मौजूद नहीं है, लेकिन सोशल साइट्स व्हाट्सअप ग्रुप, फेसबुक ग्रुप पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी गई है. एसडीओ गरिमा सिंह ने नोटिस जारी किया है कि कई बार व्हाट्सअप ग्रुप में किसी पार्टी विशेष को वोट देने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है. इसे पेड न्यूज के दायरे में रखते हुए संबंधित ग्रुप और उन्हें चलाने वाले एडमिन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. लेकिन, जानकारों का मानना है कि इन ग्रुप्स की निगहबानी करने के लिए मानिटरिंग का कोई तकनीक नहीं है.

क्या लिखा है नोटिस में

लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा के बाद पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है. इसके उल्लंघन से संबंधित मामलों को लेकर गंभीरता बरती जा रही है. प्राय: ये देखा जाता है कि कई व्हाट्सअप गु्रप में किसी प्रत्याशी विशेष के पक्ष में प्रचार-प्रसार हेतु संदेश भेजे जाते हैं, जो कि पेड न्यूज के दायरे में आता है. इसे लेकर रांची सदर अनुमंडल अंतर्गत सभी व्हाट्सअप ग्रुप के एडमिनों को आम सूचना के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि वो पेड न्यूज के दायरे में आनेवाले संदेशों का प्रचार-प्रसार या संप्रेषण न करें. ऐसा करने पर एडमिनों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इंड टू इंड इन्क्रिप्शन को कैसे देंगे मात

व्हाट्सअप ग्रुप की मानिटरिंग कैसे की जाएगी यह एक गंभीर सवाल है. तकनीकी जानकारों की मानें तो व्हाट्सअप में एंड टू एंड इन्क्रिप्शन की सुविधा है और इसकी जानकारी कहीं बाहर नहीं जा सकती. साथ ही इसकी मानिटरिंग भी नहीं की जा सकती. ऐसे में जिला प्रशासन कैसे इन समूहों की मानिटरिंग करेगा यह गंभीर सवाल खड़ा हो गया है. इसी तरह फेसबुक ग्रुप भी क्लोज ग्रुप में आता है.

क्या कहती हैं मोबाइल कंपनियां

नाम नहीं छापने की शर्त पर मोबाइल कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि व्हाट्सअप ग्रुप की मानिटरिंग मुश्किल है. इतना ही नहीं, व्हाट्सअप कॉल को भी रिकार्ड नहीं किया जा सकता. इसलिए कई सरकारी अधिकारी विशेष तौर पर पुलिस अधिकारी आजकल व्हाट्सअप कॉल का सहारा लेते हैं. काफी प्रयासों और परमिशन के बाद डिटेल संभव है, लेकिन प्रक्रिया में कई माह लग सकते हैं.

ग्रुप के राज कौन लाएगा बाहर

व्हाट्सअप ग्रुप व फेसबुक ग्रुप के राज को बाहर तभी लाया जा सकता है जब समूह के ही किसी सदस्य द्वारा स्क्रीन शॉट खींचकर सबूत के तौर पर दिखाया जाए. इसके बाद ही किसी तरह की कार्रवाई संभव है.

क्या कहता है साइबर सेल

पुलिस को शिकायत मिलने पर हमलोग हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल कर सकते हैं. तकनीक के संबंध में विशेष जानकारी नहीं दे सकता, लेकिन शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

सुमित प्रसाद, साइबर डीएसपी