- अक्टूबर 2014 में फूलपुर सांसद ने गोद लिया था जैतवारडीह

- कुछ महीनों में काफूर हो गई खुशी, बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं स्थानीय लोग

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ALLAHABAD: आज भी याद है वह दिन. नव निर्वाचित फूलपुर सांसद ने प्रधानमंत्री के कहने पर गांव को गोद लिया था. इस खबर को सुनने के बाद गांव के लोगों में खुशी की लहर दिौड़ गई थी. बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे लोगों की आंखों में तैर रहे विकास के सपने जवां होने लगे थे. खूब मिठाईयां बांटी गई. लोगों ने गले लगाकर एक-दूसरे को बधाई दी. डीएम, सीडीओ और सांसद ने एक के बाद एक कई बैठकें कर गांव का दौरा भी किया. लेकिन, विकास केवल बैठकों और फाइलों तक ही सीमित रहा. गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. बात हो रही है सोरांव ब्लॉक के गांव जैतवारडीह की, जिसके आदर्श सांसद ग्राम घोषित होने के बावजूद हाल बेहाल हैं.

अक्टूबर में हुई थी घोषणा

सोरांव ब्लॉक के गांव जैतवारडीह को भाजपा के फूलपुर सांसद केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले साल अक्टूबर में गोद लिया था. आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से इस विशाल गांव में शुरुआत से बुनियादी सुविधाओं का टोटा रहा है. घोषणा के बाद लोगों में मन जरूर विकास की उम्मीद जगी थी, जो देखते ही देखते खत्म हो गई. एक के बाद एक कई बैठकें होने के बाद बने प्लान फाइलों में कैद होकर रह गए. इन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. तहसील और जिला मुख्यालय के कई चक्कर लगाने के बाद स्थानीय लोगों की रही सही आस भी जाती रही. उनकी मानें तो सबकुछ दिखावा मात्र है, पब्लिक की दुख-तकलीफ कोई नहीं सुनता.

तारों में कब दौड़ेगी बिजली

गांव में बिजली सप्लाई का हाल बहुत ज्यादा खराब है. रोजाना शाम सात बजे आने वाली बिजली रात क्क् बजे कट जाती है. इसके बाद सुबह चंद घंटे के लिए आती है. जबकि, सांसद ने भरपूर बिजली देने का वादा किया था. छह महीने पहले गांव में क्क् हजार वोल्ट के तार डाले गए लेकिन अभी तक बिजली की सप्लाई नहीं की गई. हरिजन बस्ती का ट्रांसफॉर्मर एक सप्ताह से खराब पड़ा है. जिसे बनवाने की जहमत बिजली विभाग ने अबतक नहीं उठाई है. गांव वाले कहते हैं कि यही हाल रहा तो खरीफ की फसल की सिंचाई के लिए पानी कहां से आएगा.

कुएं के पानी में निकल रहे हैं कीड़े

जैतवार डीह में कुल सात मजरे हैं, जिनमें सौ से अधिक हैंडपंप मौजूद हैं. इनमें से एक चौथाई का पानी सूख चुका है. इन्हें रिबोर किया जाना है. हाल ही में बीस हैंडपंप का पानी चेक किया गया तो उनमें हानिकारक केमिकल मिले. जांच टीम का कहना है कि यह पानी पीने लायक नहीं है. बावजूद इसके जनता इन्हें पीने को मजबूर है. इससे गर्मी के मौसम में महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. गांव के प्रधान लालजी यादव के घर के नजदीक स्थित कुएं के पानी में कीड़े पड़ गए हैं. महिलाओं ने बताया कि पानी का दूसरा विकल्प नहीं है इसलिए हमें इसे पीना पड़ रहा है. अक्सर पेट में दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत हो जाती है.

कच्चे रास्तों पर चलना है मुश्किल

गर्मियों में तो फिर भी कच्चे रास्तों पर चला जा सकता है लेकिन बारिश के मौसम में गांव के लोगों को घर से निकलने में काफी दिक्कतें होती हैं. ग्राम प्रधान ने कुछ दिन पहले खड़ंजा बिछवाने के लिए ईटें मंगवाई लेकिन स्थानीय लोगों ने झाम फंसा दिया. ग्राम प्रधान का कहना है कि गांव के कुछ लोग तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं. जब इसकी शिकायत प्रशासन से की गई तो उसने खड़ंजा बिछाए जाने पर रोक लगा दी.

घरों में चलते हैं आंगनबाड़ी केंद्र

गांव के बच्चे भी सरकार द्वारा चलाई जा रही कुपोषण से बचाव की योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र कार्यकत्रियों के घरों से चलाए जा रहे हैं. इसके लिए अभी तक बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो सका है. ग्राम प्रधान ने जमीन चिंहित करके प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दे दी है लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में बच्चों को पुष्टाहार और दूसरी जरूरतों के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.

बारिश में बन जाती है डूबने की स्थिति

गांव के डीघी मजरे में बने नाले से पांच ग्राम सभाओं का गंदा पानी होकर जाता है. बारिश में यह पानी गांव में भरने लगता है. जिससे बाढ़ की स्थिति बन जाती है. लोगों का कहना है कि गांव के आगे सीआरपीएफ का कैंप है, जहां बनी पुलिया को बारिश के महीने में बंद कर दिया जाता है. इस समस्या से सांसद को अवगत कराकर समस्या का समाधान निकालने की मांग की गई थी. सुनवाई नहीं होने से एक बार फिर जून-जुलाई के महीने में गांव में संकट मंडराने लगा है.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाते डॉक्टर

गांव का स्वास्थ्य केंद्र कछार एरिया में बना है. केंद्र की जमीन विवादों में घिरी हुई है. इसके डर से डॉक्टर और एएनएम वहां जाने से घबराते हैं. सांसद द्वारा कुछ दिन पहले गांव का दौरा किए जाने के दौरान यह समस्या सामने आई थी. लोगों ने इलाज नहीं होने की शिकायत भी की थी. मौके पर सांसद और प्रतिनिधियों से समस्या का समाधान किए जाने का आश्वासन दिया था, जिस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है. लोगों को इलाज कराने के लिए दूसरे गांव या शहर के हॉस्पिटल का सहारा लेना पड़ता है.

पर्यटन के लिहाज से विकसित हो सकता है गांव

गांव में अति प्राचीन पडि़ला महादेवजी का मंदिर स्थित है. जहां, दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि अगर सांसद चाहें तो गांव को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जा सकता है. संपर्क मार्गो को विकसित करने के साथ बिजली और पानी के सप्लाई की बेहतर व्यवस्था किए जाने की जरूरत है. शंकरजी का अति प्राचीन मंदिर होने की वजह से दूर-दूर तक यह गांव प्रसिद्ध है.

खर्च कर दिए ढाई करोड़ रुपए

जनता को भले ही विकास कार्य नहीं दिख रहे हों लेकिन फूलपुर सांसद की मानें तो उन्होंने अपने एक साल के कार्यकाल में लोकसभा क्षेत्र को विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. फूलपुर सांसद केशव प्रसाद मौर्य के मुताबिक एक साल में उन्हें सांसद निधि में ढाई करोड़ रुपए का आवंटन हुआ था. यह पूरा पैसा उन्होंने सड़क, बिजली, शौचालय आदि के निर्माण में खर्च कर दिए हैं.

विकास कार्यो में रहता है सांसद का हस्तक्षेप

फूलपुर सांसद केशव प्रसाद मौर्या शहर के अशोक नगर मोहल्ले में रहते हैं, जो वार्ड नंबर क्7 न्याय मार्ग के अंतर्गत आता है. जमीनी तौर पर यह मोहल्ला शहर के पॉश एरिया में आता है. रोड, पटरी, पानी और साफ-सफाई जैसी सुविधाएं यहां दूसरे मोहल्लों की अपेक्षा बेहतर हैं. वार्ड के पार्षद आनंद सोनकर कहते हैं कि वार्ड में नगर निगम की ओर से विकास कार्य लगातार चलते रहते हैं. अगर कोई दिक्कत आती है तो जन प्रतिनिधि के तौर पर सांसद भी सिफारिश करने से नहीं चूकते हैं. इस तरह से जनता को निराश नहीं होना पड़ता है.

फैक्ट फाइल

गांव का नाम- जैतवारडीह

ब्लॉक- सोरांव

जनसंख्या- भ्भ्00

मजरे- सात

ग्राम प्रधान- लालजी यादव

गांव की पहचान- पडि़ला महादेवजी का मंदिर

कब क्या हुआ-

- अक्टूबर ख्0क्ब् में बीजेपी सांसद केशव प्रसाद मौर्य ने आदर्श सांसद ग्राम चयनित किया.

- जिला स्तर पर दो से अधिक बैठक हो चुकी हैं.

- सांसद ने दो से तीन बार गांव का दौरा किया.

- दिल्ली से प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई टीम ने गांव का दौरा किया है.

- ख्क् सरकारी विभागों को गांव के विकास का जिम्मा सौंपा गया है.

- आरईएस और पीडब्ल्यूडी ने क्क्.भ् करोड़ रुपए के विकास के कामों का स्टीमेट तैयार कर लिया है लेकिन काम शुरू नहीं हुआ.

- जल निगम ने पानी की पाइप लाइन डालने का महज सर्वे कर लिया है.

- आदर्श गांव का विकास नहीं होने का श्रेय तत्कालीन डीएम को जाता है. भारत सरकार द्वारा निर्धारित विकास के कार्यो में उनके द्वारा रुचि नहीं लेने और अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं करने से इस बात को लेकर मेरा विवाद भी बना रहा. उन्होंने योजनाओं के अमलीकरण को लेकर घोर लापरवाही बरती थी. नए डीएम से मिलकर मेरा प्रयास रहेगा कि गांव को केवल इलाहाबाद या प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए आदर्श ग्राम के तौर पर विकसित किया जाए.

केशव प्रसाद मौर्य, सांसद, फूलपुर

वर्जन..

गांव में बिजली की जबरदस्त समस्या है. बिजली के तार बिछा दिए गए हैं लेकिन पॉवर सप्लाई नहीं की गई. इससे गांव के लोगों में नाराजगी कायम है.

हरिराम

सांसद ने संपर्क मार्ग बनाने का वादा किया था, इस पर काम नहीं हुआ. गांव के तालाब पर लगातार अवैध कब्जा हो रहा है. इस पर प्रशासन को रोक लगानी चाहिए.

शंकरलाल

कहने को यह आदर्श सांसद ग्राम है. अक्टूबर से लेकर अभी तक सभी विकास के काम फाइलों में हुए हैं. असलियत में गांव की स्थित हद से ज्यादा बदतर है.

भजन शर्मा

छह महीने पहले गांव में क्क् हजार वोल्ट का तार डाला गया था. इसमें अभी बिजली की सप्लाई नहीं की गई है. इससे बिजली की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है.

रामदुलार

गर्मी आते ही कई हैंडपंप सूख चुके हैं. जांच में इनका पानी पीने लायक नहीं पाया गया है. फिर भी लोग मजबूरी में पानी का सेवन कर रहे हैं. इस ओर शासन प्रशासन को सोचना चाहिए.

रामचंद्र

कुआं घरों से दूर है. पानी के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है. कई जगह के कुएं का पानी खराब हो चुका है. गांव में नए हैंडपंप लगाए जाने की जरूरत है.

केसा देवी

कुएं के पानी में कीड़े पड़ गए हैं. दूसरा विकल्प नहीं होने की वजह से सभी इनका पानी पीने को मजबूर हैं. आए दिन लोगों के पेट में दर्द की शिकायत होती है.

उर्मिला

गांव की सड़कें कच्ची हैं. इन पर खड़ंजे का निर्माण होना बाकी है. जहां निर्माण होना है वहां दूसरे लोग अड़ंगा लगा रहे हैं. सांसद जी को इस ओर हस्तक्षेप करना चाहिए.

राकेश

गांव में आंगनबाड़ी केंद्र कई साल बाद भी नहीं बन सका है. मजबूरी में घरों से इन्हें संचालित किया जा रहा है. इससे बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा.

संजीव

बारिश के मौसम में नाले का पानी गांव में भर जाता है. जिससे बीमारी पैदा होने की आशंका रहती है. सांसदजी से इसका हल निकालने की मांग की गई है.

मुकेश

आदर्श ग्राम घोषित होने के बाद एक के बाद एक कई बैठकें हुई. प्रशासनिक अधिकारी, सांसद समेत दिल्ली से आई टीम ने दौरा किया. विकास की बड़ी-बड़ी बातें हुई. लेकिन, नतीजा सिफर रहा है. आज तक एक पैसे का काम नहीं हुआ, लोगों ने अब उम्मीद भी छोड़ दी है.

लालजी यादव, ग्राम प्रधान, जैतवारडीह