RANCHI: रिम्स के एडिशनल डायरेक्टर हर्ष मंगला गुरुवार को अचानक ईएनटी ओपीडी पहुंचे, जहां तीन डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिले। इसके बाद वो डॉक्टरों को ढूंढते हुए इनडोर पहुंच गए। लेकिन वहां भी उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। काफी पूछताछ के बाद जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि वे लोग घर चले गए हैं। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि उनकी ड्यूटी एक साथ कई जगहों पर होती है। वो काफी समय हॉस्पिटल में भी बिताते हैं। इस पर एडिशनल डायरेक्टर ने उन्हें टाइमिंग भी मेंटेन करने को कहा, ताकि यह पता चल सके कि वे कितना समय रिम्स में दे रहे हैं।

तीन दिनों में मांगा ड्यूटी रोस्टर

इससे पहले एडशिनल डायरेक्टर ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर तैयार करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि फैकल्टी से लेकर सीनियर और जूनियर डॉक्टरों की भी जवाबदेही तय होगी। तभी मरीजों का बेहतर इलाज होगा और उन्हें सुविधाएं मिल पाएंगी। इसके लिए तीन दिनों के अंदर रिम्स के सभी डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर तैयार करने को कहा गया है। साथ ही 24 जुलाई को होने वाली रोस्टर कमिटी की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। बैठक में डिप्टी डायरेक्टर गिरजाशंकर प्रसाद, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ। संजय कुमार, पेडियाट्रिक सर्जरी के डॉ। एके बिरुआ के अलावा कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

तीनों शिफ्ट में डॉक्टरों की ड्यूटी

मीटिंग में फैकल्टी से लेकर सीनियर और जूनियर सभी डॉक्टरों की डिटेल मांगी गई है। इसके आधार पर तीनों शिफ्ट में उनकी ड्यूटी तय की जाएगी। इसके अलावा रोस्टर में यह भी तय होगा कि किस टाइम पर कौन सा डॉक्टर ड्यूटी में कहां मौजूद रहेगा। इससे मरीजों को भी डॉक्टर से दिखाने के लिए इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वहीं हर वक्त डॉक्टरों के ड्यूटी में रहने से मरीजों का भी तत्काल इलाज हो सकेगा।

मरीजों को पनियल दाल व सब्जी

इंस्पेक्शन के दौरान एडिशनल डायरेक्टर ने मरीजों को बांटे जाने वाले खाने की क्वालिटी देखी, जहां रोटियां एक-दूसरे से चिपकी मिलीं। दाल और सब्जी में पानी अधिक देखकर वह भड़क गए। उन्होंने स्टाफ से पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद उन्होंने पनीर की सब्जी के बारे में पूछा तो स्टाफ ने करी में कच्चा पनीर डालने की बात कहीं। यह देख उन्होंने पूछा कि बिना फ्राई किया पनीर मरीजों को खिलाना कहां तक सही है।

किचन का खाना टेस्ट करेंगे डायरेक्टर

खाना देख तो वह स्टाफ पर भड़क गए। इसके बाद उन्होंने खाना टेस्ट करने के लिए चम्मच मांगा। लेकिन स्टाफ के पास कोई चम्मच नहीं था। यह देख उन्होंने कहा कि वह किचन में जाकर वहां की व्यवस्था देखेंगे और खाना भी टेस्ट करेंगे। वहीं मरीजों की थाली में चम्मच न देखकर उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई। उन्होंने पूछा कि बिना चम्मच के पेशेंट दाल और सब्जी कैसे खाएंगे।

मरीज को नहीं मिला खून, स्टाफ का कटा पेमेंट

गुरुवार को एक मरीज का परिजन ब्लड लेने के लिए ब्लड बैंक पहुंचा था। ब्लड डोनेट करने के बाद उसे एक पर्ची दी गई थी। लेकिन गलती से उसकी पर्ची खो गई। ऐसे में ड्यूटी में तैनात स्टा्रफ ने उसे ब्लड देने से मना कर दिया और फटकार लगाते हुए निकल जाने को कहा। इसकी सूचना एडिशनल डायरेक्टर को मिली तो वह ब्लड बैंक पहुंचे और परिजन को ब्लड दिलवाया। साथ ही ड्यूटी में तैनात स्टाफ का एक दिन का पेमेंट काटने का आदेश दिया।