- गंगा में किया जाएगा ज्यादा क्षमता की बैटरी वाली नावों का संचालन

- नाविकों के लिए यूनीफॉर्म पर भी सहमति, कमिश्नर ने दिए आदेश

VARANASI

काशी नगरी का एक प्रमुख आकर्षण गंगा घाट और नौका विहार है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक घंटों घाटों की खूबसूरती निहारते रह जाते हैं और सुबह और शाम नौका विहार भी करते हैं। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने इस खूबसूरती को बढ़ाने के साथ ही प्रदूषण घटाने के लिए पहल की है। गंगा में चलने वाली डीजल इंजन वाली नावों में ज्यादा क्षमता वाली बैटरी लगाई जाएगी। प्रयोग सफल रहा तो नौका विहार के दौरान होने वाला शोर और प्रदूषण अब कल की बात होगी।

नाविक खारिज कर चुके हैं ई-बोट

2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा में ई-बोट चलाने की प्रेरणा दी थी। उन्होंने अस्सी घाट पर कुछ नाविकों में बैटरी चालित छोटी नावें वितरित भी की थीं। हालांकि कुछ दिनों के इस्तेमाल के बाद नाविक समाज ने यह नावें खारिज कर दीं। उनका कहना था कि नावों की बैटरी ताकतवर नहीं है, नतीजतन यह ज्यादा देर चल नहीं पाती। घाट पर इन्हें चार्ज करने का बंदोबस्त नहीं है, इसके अलावा नौकाएं छोटी हैं और एक बार में ज्यादा लोग इसमें सवार भी नहीं हो पाते। हालांकि प्रशासन ने नाविकों को जागरूक करने का प्रयास जारी रखा है।

15 दिन का ट्रायल

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने सुझाव दिया कि गंगा में चलने वाली कुछ बड़ी नौकाओं में ज्यादा क्षमता वाली बैटरियां लगाई जाएं और 15 दिन प्रयोग के तौर पर इन्हें चलाकर बैटरी की कार्यक्षमता परखी जाए। नाविकों ने बताया कि नौकाओं में लगने वाले डीजल इंजन की क्षमता 10 से 12 हार्स पावर की है। इसपर कमिश्नर ने नौकाओं में इतनी ऊर्जा पैदा करने वाली बैटरियां लगाने का निर्देश दिया है। यह काम नगर निगम करेगा। अगर प्रयोग सफल रहा तो सभी नौकाओं में ऐसी बैटरी लगाई जाएगी। घाटों के आसपास इन्हें चार्ज करने का प्रबंध भी किया जाएगा। साथ ही सोलर बैटरी का भी विकल्प देखा जाएगा।

बैन होगा डीजल इंजन

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि देशभर में नौकायन के लिए डीजल इंजन पर बैन है। बैटरी का प्रयोग सफल होने पर गंगा में चलने वाली नौकाओं से डीजल इंजन पूरी तरह बैन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही निजी कंपनियों के सीएसआर फंड से नौकाओं को एक रंग में रंगा जाएगा। उन्होंने नाविकों को भी नौकाओं की खूबसूरती बढ़ाने के लिए अपनी तरफ से प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने कहा कि 21 से 23 जनवरी तक होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में गंगा में चलने वाली नौकाओं की वजह से गंगा और घाटों की खूबसूरती और भी बढ़ जानी चाहिए।

कपड़ा मंत्रालय देगा यूनीफॉर्म

नाविकों की यूनीफॉर्म के लिए भी कपड़ा मंत्रालय से बात की गई है। नाविकों की तरफ से यूनीफॉर्म के लिए लोअर और टी-शर्ट का प्रस्ताव दिया गया। इसपर भी मुहर लगा दी गई है। कमिश्नर ने कहा कि जल्द ही इनका भी प्रबंध करा दिया जाएगा। इसके साथ ही नौकाओं में लाइफ जैकेट, टार्च, रस्सी समेत अन्य सुरक्षा उपकरण भी रखे जाएं जिससे पर्यटकों को किसी तरह की दिक्कत न पेश आए।

खास खास

- 1500 नावें चल रही हैं गंगा में

- 300 हाउस बोट या बड़े बजड़े हैं शामिल

- 800 छोटी नौकाएं या कटर का संचालन

- 500 मध्यम नौकाएं चलती हैं गंगा में

- 8000 पर्यटक औसतन हर दिन करते हैं नौका विहार

बयान

प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अलावा हर दिन आने वाले पर्यटकों की सहूलियत को देखते हुए नाविकों से बातचीत की गई है। गंगा में प्रदूषण घटाने और सुंदरता बढ़ाने का भी प्रयास है।

दीपक अग्रवाल, कमिश्नर वाराणसी