- मोबाइल एप 'काशी आतिथ्य' पर 100 तक भी नहीं पहुंचे रजिस्ट्रेशन

- एप और मैनुअल तरीकों से मात्र 250 रजिस्ट्रेशन, दो हजार का है लक्ष्य

15वें एनआरआई सम्मेलन में आने वाले मेहमानों को काशी घुमाने की तैयारियां तो जारी हैं मगर मेहमानों को ठहराना सबसे बड़ा सवाल बनता जा रहा है। प्रशासन ने जनसहयोग के लिए 'काशी आतिथ्य' नामक एप तैयार तो कराया मगर इस पर रजिस्ट्रेशन की गति काफी धीमी है। अब तक 100 से भी कम रजिस्ट्रेशन हुए हैं। प्रशासनिक अफसरों के माथे पर इसे लेकर चिंता की लकीरें हैं।

ताकि हर कोई बन सके आयोजक

मेहमानों को वाराणसी की आतिथ्य परंपरा से रूबरू कराने के लिए यह योजना बनाई गई। मेजबानी के इच्छुक लोगों को अफसरों के यहां दौड़ना न पड़े और वह घर बैठे रजिस्ट्रेशन करा सकें, इसके लिए मोबाइल एप भी लांच किया गया। एप के जरिए रजिस्ट्रेशन के बाद प्रशासनिक अफसरों की टीम एक बार घर का मुआयना करती और मेजबान को हरी झंडी दे दी जाती। 21 से 23 जनवरी तक होने वाले आयोजन के लिए उन्हें मेहमान का नाम और नागरिकता के बारे में एक दिन पहले सूचित किया जाता। डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि एप के जरिए अब तक 100 से कम रजिस्ट्रेशन हुए हैं। प्रार्थना पत्र और अन्य मैनुअल तरीकों से भी लगभग 150 लोगों ने मेजबानी की इच्छा जताई है। कुल मिलाकर काशी आतिथ्य के लिए रजिस्ट्रेशन की संख्या अभी 250 से कम है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आगे उम्मीद है कि यह रजिस्ट्रेशन तेजी से बढ़ेंगे और काशी की जनता मेहमानों की आवभगत के लिए आगे आएगी। बता दें कि प्रशासन ने 'काशी आतिथ्य' के जरिए लगभग दो हजार मेहमानों को काशी के लोगों के घरों में ठहराने का लक्ष्य रखा है।

करनी है 7500 मेहमानों की मेजबानी

15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में कई देशों से लगभग 7500 एनआरआई मेहमानों को आना है। काशी में इन्हें होटल्स, गेस्ट हाउस और शहरी लोगों के घरों में तीन दिन रहना है। वाराणसी प्रवास के बाद अगले दो दिन यानी 24 और 25 जनवरी उन्हें इलाहाबाद कुंभ में शामिल होना है। इसके बाद 26 जनवरी को सभी दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में मेहमान बनेंगे।

ऐसे करें काशी आतिथ्य में रजिस्ट्रेशन

- गूगल प्ले स्टोर से पीबीडी वाराणसी एप डाउनलोड करें

- एप पर नाम-पता, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें

- आपके मोबाइल पर एप एक ओटीपी भेजेगा

- ओटीपी रजिस्टर करने के बाद आप मुख्य एप में पहुंच जाएंगे

- 'काशी आतिथ्य' संबंधी घोषणा पढ़ें और एप्रूव कर आगे बढ़ें

- एप में अपने भवन से संबंधी जानकारियां अपडेट करें

- मकान स्वामी का नाम-पता आदि जानकारियां भी दर्ज करें

- एप पर फोटो क्लिक करने के साथ ही पुरानी फोटो अपलोड भी की जा सकती है

- सत्यापन के बाद आपको आपके अतिथि का विवरण दिया जाएगा।

वर्जन

यह आयोजन सरकारी नहीं बल्कि काशी के लोगों का है। गणमान्य नागरिकों ने बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेने की मंशा भी जताई है। मोबाइल एप जनता की आसानी के लिए है और इससे काम भी तेजी से हो सकेगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि काशी के आमजन भी इस आयोजन में सहभागी बनेंगे।

सुरेंद्र सिंह, डीएम वाराणसी