- सीडब्ल्यूसी के माध्यम से पालक माता-पिता को दी गई बच्ची

- माता-पिता ने किया था अनुरोध, बच्ची का भी रो-रोकर था हाल बेहाल

- अपने पालक माता-पिता से मिलकर खिलखिला उठी बच्ची

रांची : निर्मल हृदय में जन्मी जिस बच्ची को एक दिन पूर्व कानून का हवाला देकर पालक माता-पिता से लेकर करुणा बाल आश्रम में भेजा गया था, उसे दूसरे ही दिन उसके पालक माता-पिता को सौंप दिया गया। ममता के सामने कानून को पीछे हटने पर विवश होना पड़ा। बच्ची की जिद के सामने बाल कल्याण समिति को भी अपना निर्णय बदलना पड़ा और बच्ची को उसके पालक माता-पिता को सौंपना पड़ा। कानूनी बाधाओं के चलते माता-पिता से दूर बरियातू के करुणा आश्रम में बुधवार को भेजी गई बच्ची का रो-रोकर हाल बेहाल था। गुरुवार को जैसे ही वह अपने पालक माता-पिता की गोद में पहुंची खिलखिला पड़ी। पालने वालों के चहरे पर भी मुस्कान दौड़ पड़ी। ममता की जीत देखकर वहां के लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान दौड़ पड़ी।

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पूर्व विधायक की बहू-बेटे ने निर्मल हृदय से लिया था गोद

निर्मल हृदय में जन्मी बच्ची को सिमडेगा जिले के कोलेबिरा के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो की बहू-बेटे के संरक्षण में रखा गया था। रांची की कोतवाली पुलिस की छानबीन में बच्ची का पता चलने के बाद उसकी जैविक नाबालिग मां खुद बच्ची को लेकर बुधवार को कोतवाली थाने पहुंची थी। उसने बताया था कि वह बच्ची को नहीं बेची थी, बल्कि बच्ची को स्वेच्छा से पालन-पोषण के लिए पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो की बहू-बेटे को दिया है। बच्ची को वह बीच-बीच में देखने भी जाती है, जहां उसे बेहतर तरीके से पालन-पोषण किया जाता है। उसने बच्ची को देने के एवज में कोई पैसा नहीं लिया है। नाबालिग जैविक मां ने बच्ची को उसके पालक माता-पिता को ही सौंपने की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस व सीडब्ल्यूसी तैयार नहीं था। अंतत: बच्ची को पुलिस संरक्षण में बरियातू स्थित करुणा आश्रम भेज दिया गया था।

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बच्ची का रो-रोकर बुरा हाल था

बच्ची अपने पालक माता-पिता की गोद में जाने के लिए रोती बिलखती रही तो दूसरी ओर अपने से दूर जाता देखकर उसके पालक माता-पिता का हाल बेहाल था। पूर्व विधायक की बहू शैलजा पुलिस-प्रशासन व सीडब्ल्यूसी के सामने गिड़गिड़ाती रही कि बच्ची उसे दे दी जाए, नहीं तो वह मर जाएगी। इसके बावजूद किसी का दिल नहीं पसीजा था। गुरुवार को ममता की जीत हुई और बच्ची को उसके पालक माता-पिता को सौंप दिया गया। अब इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।