RANCHI : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निर्धारित नियमों का अनुपालन न करने वाले और फर्जी कागजात के आधार पर सरकारी अनुदान लेने वाले सभी संबद्ध कॉलेजों की जांच कर उनकी संबद्धता रद्द करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को जनसंवाद केंद्र में साहिबगंज जिले के आशीष कुमार की शिकायत पर उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिया कि राज्य में ऐसे सभी कॉलेजों से जुड़े मामलों की जांच कर तत्काल कार्रवाई करें।

नव वर्ष की शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीधी बात के दौरान झारखंड की जनता को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि वे जनता के प्रति उत्तरदायी और संवेदनशील बनें। सीएम ने उन्होंने उपायुक्तों से जनता से सीधे जुड़कर सप्ताह में कम से कम एक दिन किसी गांव में जाकर वहां की समस्याओं और सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं की जमीनी हकीकत से अवगत हों।

सभी शौचालयों की हो मरम्मत

रांची जिले में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के रहने के लिए बने लगभग 450 कमरों के वाल्मीकि भवन में शौचालय की समस्या पर मुख्यमंत्री ने इस संबंध में नगर निगम के आयुक्त को वहां के सभी शौचालयों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया।

15 जनवरी तक एएनएम की हो बहाली

गिरिडीह की सुनीता देवी ने जनसंवाद में शिकायत दर्ज करायी थी कि प्राथमिक स्वास्थ्य उप.केंद्रए लक्ष्मण टुंडा एएनएम के अभाव के कारण बंद है। इसपर सीएम ने सभी उपायुक्तों को आदेश दिया कि जिलास्तर पर एएनएम के रिक्त पदों पर 15 जनवरी तक नियुक्ति करायी जाए।

3-सीओ की जब्त करें प्रॉपटी4

सुनीता देवी ने डुमरी प्रखण्ड के सीओ जगदीश कुमार पांडे के खिलाफ अवैध वसूली का भी आरोप लगाया। सीएम ने मौके पर आरोपी सीओ की संपत्ति की जांच करने और उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया।

स्कूलों के लिए फंड रिलीज करें

गढ़वा जिले के 25 बाल श्रमिक विद्यालयों के कुल 108 शिक्षकों को 23 माह का मानदेय भुगतान लंबित रहने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने डीसी को ऐसे सभी विद्यालयों का आकलन करने का निर्देश दिया ताकि ऐसे विद्यालयों को सर्व.शिक्षा अभियान के तहत चलाये जा रहे विद्यालयों के साथ विलय किया जा सके।

कस्तूरबा की बच्चियों को दें कंबल

मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को अपने जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों सहित अन्य छात्रावासों में अविलंब पर्याप्त मात्रा में कंबल मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि गढ़वा के ग्रामीणों ने उनसे मुलाकात कर कस्तूरबा विद्यालयों में कंबल की कमी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया था।