पीजीटी 2016 परीक्षा के ठीक बाद मौनी अमावस्या का होगा स्नान

मंडल मुख्यालयों में परीक्षा के लिए बनाए गए हैं केन्द्र

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PRAYAGRAJ: लंबे समय से परीक्षा के इंतजार में बैठे लाखों अभ्यर्थियों को कुंभ के मौके पर परीक्षा का संगम महा स्नान के साथ देखने को मिलेगा। पीजीटी 2016 लिखित परीक्षा की तिथि और कुंभ के दौरान सबसे मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या लगभग एक साथ ही पड़ने वाली है। ऐसे में प्रयागराज में परीक्षा देने आने वाले हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। सबसे मुख्य स्नान पर्व के ठीक एक दिन पहले होने वाली परीक्षा के कारण जहां कुंभ की भीड़ को मैनेज करने में दिक्कत आएगी। वहीं दूसरी ओर अलग-अलग जिलों से आने वाले हजारों अभ्यर्थियों को भी मुसीबत का सामना करना तय है। इस बारे में अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड परीक्षा की तिथि बदलने की बात भी कही थी, लेकिन बोर्ड की ओर से परीक्षा की तिथि में कोई परिर्वतन नहीं किया गया।

कई संस्थानों ने बदली है डेट

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से आयोजित हो रही पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा की व्यवस्था सूबे के सिर्फ मंडल मुख्यालयों पर की गई है। परीक्षा एक व दो फरवरी को आयोजित होनी है। जबकि कई परीक्षा बोर्ड व संस्थाओं ने स्नान पर्व को देखते हुए परीक्षा की तिथियां बदल दी है। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं प्रदेश भर में एक साथ होती हैं लेकिन, कुंभ के प्रमुख स्नान पर परीक्षाएं नहीं हो रही हैं। एसएससी ने कुंभ को देखते हुए अपनी परीक्षाएं अन्य जिलों में कराने का निर्णय लिया है। ऐसे ही उप्र लोकसेवा आयोग और अन्य संस्थान भी इस दौरान परीक्षा कार्यक्रम तय करने में सतर्कता बरत रहे हैं। जबकि इसके ठीक उलट माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने नवंबर माह में दो वर्ष से लंबित प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक परीक्षा 2016 की लिखित परीक्षा कराने का कार्यक्रम जारी किया है। चयन बोर्ड एक व दो फरवरी को प्रवक्ता 2016 के विभिन्न विषयों की परीक्षा कराने जा रहा है। परीक्षा के लिए भी बोर्ड ने सिर्फ मंडल मुख्यालयों को चुना है। इसमें सबसे अधिक अभ्यर्थी प्रयागराज में है। जबकि चार फरवरी को मौनी अमावस्या का सबसे प्रमुख स्नान है। इस खास स्नान पर्व पर देशभर के करोड़ों श्रद्धालु पहले से ही कुंभ शहर यानी प्रयागराज पहुंच जाएंगे।

शहर में प्रवेश नहीं करेंगी बसें

कुंभ के दौरान भीड़ और व्यवस्थाओं को देखते हुए प्रशासन की ओर से पहले ही स्नान पर्व मकर संक्रांति से ही बसों के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। बाहर से आने वाली बसें शहर में प्रवेश नहीं कर पाएंगी। वहां से शटल बसों से श्रद्धालु कुंभ क्षेत्र के करीब पहुंचेंगे। इस बात का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि प्रशासन ने पहले ही स्नान पर यह व्यवस्था की है। जबकि सबसे मुख्य और बड़ा स्नान मौनी अमावस्या का होता है। ऐसे में सेंटर तक पहुंचने के लिए अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा मुसीबत उठानी पड़ेगी।