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AGRA:
महीनों के प्रयास और करोड़ों खर्च करने के बाद भी एकबार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में निराशा ही हाथ लगी। स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम में ताजनगरी टॉप-10 में तो छोडि़ए शुरूआती 50 पायदान में भी स्थान नहीं बना पाई। ऐसे में नगर निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है।

28 दिन तक चला सर्वेक्षण
स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में 4237 शहरों ने प्रतिभाग किया था। सर्वेक्षण 28 दिन, चार जनवरी से शुरू होकर 31 जनवरी तक चला। इसमें 64 लाख लोगों ने अपने फीडबैक दिए थे। इस दौरान चार कैटेगिरीज में अलग-अलग ऑब्जर्वेशन किया गया।

ये थीं चार कैटेगिरीज

- जनसुविधाएं

- प्रमाणीकरण

- थर्ड पार्टी द्वारा भौतिक निरीक्षण

- पब्लिक फीडबैक भी लिया गया।

कुल अंक - 5000

प्राप्तांक - 2790

- 1250 अंक चारों श्रेणियों के लिए निर्धारित

- 510 अंक जन सुविधाओं पर मिले

- 600 अंक प्रमाणीकरण भौतिक

- 847 अंक थर्ड पार्टी ऑब्जर्वेशन में

- 1014 पब्लिक फीडबैक

- वर्ष 2016 में देश के 75 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया था। इसमें आगरा 45 वें स्थान पर रहा था।

- वर्ष 2017 में देश के 410 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया था। इसमें आगरा प्रदेश में नौवें स्थान पर और देश 263वें स्थान पर रहा था।

- वर्ष 2018 में देश के चार हजार शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया था। इसमें आगरा देश में 102 वें स्थान पर और प्रदेश में पांचवें स्थान पर रहा था।

क्या बोले नगर आयुक्त
हमने फाइव स्टार रैंकिंग का दावा किया था। टू स्टार रैंकिंग मिली है। हमने अपनी ओर पूरा प्रयास किया। पहले हम देश में 102वें स्थान पर थे। हम 17 पायदान चढ़े हैं। इस बार पब्लिक ने खुद महसूस किया। पब्लिक ओपीनियन में हमें 1250 में से 1014 अंक मिले। दो लाख से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। अब थर्ड पार्टी किस तरीके से ऑब्जर्वेशन कर रही है। इसमें क्या कहा जा सकता है। इसकी हम समीक्षा करेंगे।
- अरुण प्रकाश नगर आयुक्त