-डीएम ने जारी किया आदेश, जमीन के एरिया के अनुसार 2500 से 15 हजार तक लगेगी पेनाल्टी

-शहर में प्रदूषण से खतरे को देखते हुए प्रशासन ने उठाया कदम

VARANASI

वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गाडि़यों, कारखानों से निकलने वाला धुंआ हवा को जहर बना रहा है। कृषि अपशिष्ट (पराली) को जलाना भी प्रदूषण के कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। दिल्ली, हरियाणा आदि शहरों में इसी पराली के चलते प्रदूषण की स्थिति खासी खतरनाक हो गयी है। अपने शहर में भी इस खतरे को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। जी हां, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के द्वारा पारित आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कृषि अपशिष्ट को जलाए जाने से रोकने के लिए दिये गये निर्देश के अनुपालन में डीएम सुरेन्द्र सिंह ने सोमवार को कड़े आदेश जारी किये हैं।

सचल दस्ते ककरें गठन

डीएम ने सभी तहसीलों में एसडीएम और प्रत्येक विकास खंड अधिकारी को पराली और अन्य कृषि अपशिष्टों को जलाने से रोकने के लिए सचल दस्ता गठित करने को कहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के पारित आदेश के अनुसार पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए किसानों से अर्थदण्ड वसूलने के आदेश दिये हैं।

दो से पांच एकड़ तक 5 हजार

कृषकों का वर्गीकरण उपलब्ध कृषि भूमि के आधार पर किया है। दो एकड़ तक के कृषक से 25 सौ तक का जुर्माना, दो एकड़ से पांच एकड़ तक के कृषक पर पांच हजार रुपये जुर्माना और 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषक से 15,000 रुपये तक जुर्माना वसूलने का आदेश है। डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कृषि अपशिष्टों को जलाने वाले कृषकों तथा कंबाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ स्ट्रॉ रीपर विद बाइंडर का प्रयोग न करने वाले मशीन मालिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें।