छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : लौहनगरी की हवाओं में प्रदूषण का जहर बढ़ता ही जा रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल वायु प्रदूषण में दो माइक्रो गा्रम पर क्यूविक मीटर का इजाफा हुआ है। इसमें गोलमुरी, साकची, बिष्टुपुर, और आदित्यपुर टॉप फाइव पर है। इन इलाकों की हवाओं में प्रदूषण का मानक मात्रा 100 माइक्रो ग्राम पर क्यूवीक मीटर से ज्यादा हो गई है। आदित्यपुर स्थित प्रदूषण नियंत्रण से जारी रिपोर्ट में प्रदूषण बढ़ने की पुष्टि हुई है।
शहर की वायु हुई जहरीली
इस साल गोलमुरी, साकची, बिष्टुपुर में 184.45, 145.25, 158 माइक्रो ग्राम पर क्यूवीक मीटर है। वहीं सोनारी, कदमा, टेल्को आदि इलाकों में प्रदूषण 90 से 100 के बीच में है। शहर की आबोहवा दूषित होने से शहर के लोगों में अस्थमा, लंग कैंसर, क्रानिक अब्स्ट्रैक्टिव पुलमोनेरी, ल्यूकीमिया, निमोनिया, बर्थ डिफेक्ट इम्यून सिस्टम, ओटिज्म, लंग फ ग्सन वीक और कार्डियोंकासक्यूलर जैसी बीमारियां हो रही है। इसके साथ ही हार्ट, लंग और त्वचा संबंधित बीमारियां जन्म ले रही है।
हार्ट मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या
कार्डियोलाजिस्ट डा। अनिल कुमार भिरमानी ने बताया कि हाल के कुछ वर्षों में हाट के मरीजों की संख्या में हजारों की वृद्धि हुई है। जुलाई माह के आकड़ों पर भी नजर डाले तो स्ट्रोक के 830, पार्किसन के 780 तथा डिमेशिया के 1300 मरीजों की पुष्टि हुई है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी द्वारा किए गए शोध में चेतावनी दी गई है कि अगर इस तेजी से प्रदूषण बढ़ता रहा तो इसका असर लोगों के डीएनए पर भी पड़ेगा।
शहर की ऐरिया वाइज पाल्यूशन की स्थिति
गोलमुरी 160,
आदित्यपुर, 175,
बिष्टुपुर 124,
साकची 140
मानगो 137
परशुडीह 112
कदमा 125
सोनारी 126
गोविंदपुर 111
जुगसलाई 105
लोगों में हो रही है ये बीमारियां
अस्थमा, लंग कैंसर, क्रानिक अब्स्ट्रैक्टिव पुलमोनेरी डिजीज, ल्यूकीमिया, निमोनिया, बर्थ डिफेक्ट इम्यून सिस्टम डिफेक्ट, ओटिज्म, लंग फंग्सन वीक हो जाते है। कार्डियोंकासक्यूलर डिजीज और त्वचा संबंधित रोग होते है।
वायु प्रदूषण के नुकसान
1. कम हो जाएगी इंसान की आयु
2. बच्चों को हो सकती हैं जन्म से मानसिक बीमारी
3. तेजी से फैलेंगी सैंकड़ों अनुवांशिक (जेनेटिक) बीमारियां
4. आंत में मौजूद करोड़ों बैक्टीरिया को नुकसान
5. ब्रेन को नुकसान
6. खून की नालियां कड़े होने से शरीर को डैमेज करना
7. ब्लड प्रेशर बढ़ना
8. हार्ट, लीवर और फैंफड़ा को नुकसान
कैसे कम होगा 'जहर'
1. अधिक से अधिक पौधे लगाएं
2. जंगल को कटने से बचाएं
3. इंडस्ट्रियल वेस्ट का डिस्पोजल जरुरी
4. नदी को प्रदूषित होने से बचाएं
5. केमिकल को नदी में जाने से रोकना जरुरी
6. ग्रीन ईंधन को बढ़ावा देना जरुरी