- किसानों ने एयरपोर्ट निर्माण के लिए सीएम को सौंपा सहमति पत्र

- नहीं की कोई मांग, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह के साथ सीएम से मिले

LUCKNOW : जेवर एयरपोर्ट की योजना पिछले 15 सालों से खटाई में पड़ी हुई थी। विधायक धीरेंद्र सिंह ने इसका प्रस्ताव डेढ़ वर्ष पहले दिया जिसके बाद अधिकारियों ने बताया कि यह अब बन पाना मुश्किल है। दरअसल मैं गैंगरेप की घटना के कलंक को धोना चाहता था, जिसकी वजह से जेवर का नाम बदनाम हुआ। इसलिए सारी बाधाओं को दूर कर भारत सरकार से इस प्रोजेक्ट की मंजूरी जेवर को दिलाई। आपने एयरपोर्ट बनवाने की सहमति दी, उसके लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं। आपकी जो भी जायज मांगें होंगी, उन्हें आपके जनप्रतिनिधि निस्तारित करायेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात बुधवार को नोएडा के जेवर से आए 26 किसानों के प्रतिनिधिमंडल से कही। इस अवसर पर किसानों ने अपनी भूमि एयरपोर्ट के लिए देने का सहमति पत्र उन्हें सौंपा।

बदनाम हो गया था नोएडा

योगी ने कहा कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा को पिछली सरकारों में एक बदनाम क्षेत्र के रूप में देखा जाने लगा था। कोई भी उद्योगपति दहशत की वजह से उद्योग नही लगाना चाहता था। बहुत से उद्योग गुडगांव पलायन कर गये। मारुति कार जैसा प्रोजेक्ट, जिससे स्थानीय लोगों को हजारों रोजगार मिलते, वह भी हाथ से फिसल गया। किसानों से बोले कि विकास के सही मायने को समझिए। यह सोचिए कि हम अपना जीवन स्तर कैसे उन्नत करे। अपने बच्चों के सपनों को कैसे साकार करें। किस प्रकार से प्रदेश के विकास में भागीदार बनें। वहीं प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान यशपाल सिंह, संजय सिंह व हंसराज सिंह आदि ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम अपनी जमीनें आपके आह्वान पर प्रदेश व क्षेत्र के विकास के लिए दे रहे हैं। हम कोई मांग पत्र नहीं लाए हैं और ना ही फिलहाल कुछ मांग रहे है। इतना जरूर है कि किसानों के उचित विस्थापन के प्रति हमें आप सुरक्षित करेंगे।

एयरपोर्ट बनने का रास्ता साफ

मालूम हो कि जेवर एयरपोर्ट से संबंधित प्रभावित परिवारों की 75 प्रतिशत सहमति आने के पश्चात नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का रास्ता लगभग साफ हो चुका है। इस बाबत तीन अगस्त को नोएडा के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मिला था और उससे पूर्व मात्र चार किसानों ने ही एयरपोर्ट को बनाये जाने के लिए अपनी सहमति दी थी। मुख्यमंत्री के समझाने के बाद किसान आगे आये और सहमति देने का दौर बढ़ा। स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह ने भी घर-घर जाकर किसानों को राजी किया। बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल व यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के चैयरमैन प्रभात कुमार भी उपस्थित थे।