- विधि-विधान से पूजन करना शुभ

<- विधि-विधान से पूजन करना शुभ

BAREILLY:

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अक्षय तृतीया के नजदीक आते ही सर्राफ बाजार में रौनक काफी बढ़ गई हैं। इस दिन गोल्ड व सिल्वर खरीदना सुख-समृद्धि का कारक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी भी कार्य की शुरुआत की जा सकती है।

सौभाग्य दायक होती है अक्षय तृतीया

ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है। किंतु वैसाख में पड़ने वाली अक्षय तृतीया सौभाग्य दायक होती है। इस दिन मांगलिक महत्व जैसे विवाह, गृह प्रवेश, वाहन व वस्त्र आभूषणों की खरीदारी काफी शुभ मानी जाती है। महिलाओं के लिए आभूषण की खरीदारी विशेष शुभ देने वाली होती है।

अक्षय तृतीया पूजन विधि

अक्षय तृतिया को पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। किसी भी समय स्नान करने के बाद नया वस्त्र धारण कर विधि विधान से पूजा की जा सकती है। अक्षय तृतीया को पूजा की थाली भी विशेष तरह से तैयार करनी चाहिए। पंडितों की मानें तो पूजा की थाली में चंदन, तुलसी, रोरी, अक्षत, मीठा, फल, रक्षा और नया पीला व लाल वस्त्र रखकर लक्ष्मी नारायण की पूजा अर्चना करना फलदायी होता है।

अक्षय तृतीया को क्या करें

- इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए।

- प्रात: पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करना चाहिए।

- ब्राह्माणों को दक्षिणा देने के साथ भोजन कराना चाहिए।

- इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए।

- आज के दिन नए वस्त्र ज्वेलरी बनवाना या धारण करना चाहिए।

- नवीन स्थान, संस्थाए, समाज आदि की स्थापना करना फलदायी होता है।

राशियों पर अक्षय तृतीया का प्रभाव

मेष - सुख वृद्धि

वृष - ज्ञान वृद्धि

मिथुन - आयु वृद्धि

कर्क - सौंदर्य बढ़ना

सिंह - मनोवृद्धि

कन्या - धन वृद्धि

तुला - व्यय

वृश्चिक - मानसिक तनाव

धनु - सामान्य

मकर - उग्रता बढ़ेगी

कुंभ - भ्रमण

मीन - चिंता बढ़ेगी।