- यहां से रोज 350 से अधिक बसों का संचालन किया जाता है

- करीब 600 बसें रोज यहां से होकर गुजरती हैं

- लगभग 30 हजार पैसेंजर्स रोज यहां से करते हैं सफर

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LUCKNOW (28 March): जिस आलमबाग बस टर्मिनल पर यात्रियों को हाईटेक सुविधाएं देने का दावा परिवहन निगम करता है वहां पार्किंग की सुविधा ही नहीं है. जिससे यहां लोगों को छोड़ने आने वालों को अपने वाहन रोड़ पर ही खड़े करने पड़ते हैं. जिससे रोड़ पर जाम भी लग जाता है. पार्किंग की व्यवस्था न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

रोड पर छोड़ देते हैं वाहन

पीपीपी मॉडल पर बने इस बस टर्मिनल से 12 जून 2018 से बसों का संचालन शुरू हुआ था. उस समय बेसमेंट में पार्किंग की बात की गई थी. लेकिन यह पार्किंग अभी तक शुरू नहीं हो सकी है, जबकि निर्माणकार्य पूरा हो चुका है. यहां से रोडवेज की लंबी दूरी की लग्जरी बसों का भी संचालन होता है. ऐसे में बहुत से लोग निजी कारों से परिजनों को छोड़ने इस बस टर्मिनल आते हैं. जिन्हें रोड़ पर ही अपने वाहन खड़े करने पड़ते हैं.

मेट्रो यात्रियों को भी दिक्कत

यहां मेट्रो स्टेशन भी है. मेट्रो से सफर करने वालों को भी पार्किंग न होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह है कि रोडवेज कर्मचारी भी रोड़ पर ही अपने वाहन खड़े कर रहे हैं. रोडवेज के कर्मचारियों के अनुसार पीपीपी मॉडल के कारण बस अड्डे का मालिक रोडवेज नहीं है. हमें सिर्फ बसों के संचालन की सुविधा दी गई है. रोडवेज अधिकारियों के अनुसार जब करार हुआ था तो उसमें पार्किंग की सुविधा की भी बात थी लेकिन यह अभी यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं हुई है.

कोट

इसे लेकर बातचीत की जा रही है. जल्द ही पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. इसके बाद यहां आने वालों को काफी राहत मिलेगी.

पल्लव बोस, क्षेत्रीय प्रबंधक

लखनऊ परिक्षेत्र, परिवहन निगम

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