क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : गर्मी शुरू होते ही रांची में आगलगी की घटनाएं बढ़ गई हैं. एक सप्ताह के अंदर ही शहर में दो जगहों पर आग लग चुकी है. शहर में सबसे अधिक अगलगी की घटनाएं पुराने भवनों में हो रही हैं, जहां शार्ट सर्किट होने के बाद आग लग रही है. इसके अलावा गैस सिलेंडर से भी आग लगने की घटनाएं अधिक हो रही हैं. राज्य के स्टेट फायर अधिकारी सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि रांची शहर में एवरेज हर दिन दो से तीन जगह आग लगने की घटना हो रही हैं. पिछले सप्ताह कांटाटोली में एक बिल्डिंग में आग लगी. वहीं, गुरुवार को अपर बाजार में आग लग गई.

हर महीने 100 अगलगी

रांची शहर में पिछले एक साल में करीब 1200 जगहों पर आग लगने की शिकायत फायर ब्रिगेड के पास आई है. फ ायर ब्रिगेड के अधिकारी सुधीर कुमार वर्मा बताते हैं कि रांची से हर दिन करीब दो से तीन जगह आग लगने की शिकायतें आती हैं. पूरे राज्य में करीब 35 से 40 जगहों पर हर दिन आग लग रही हैं, जिसे फ ायर ब्रिगेड की टीम द्वारा बुझाया जाता है.

जाम से भी परेशानी

आग बुझाने में कभी-कभी दमकल की गाडि़यों को जाम से भी जूझना पड़ता है. शहर में कभी-कभी फ ायर ब्रिगेड की गाडि़यों को भी जगह नहीं दी जाती है. अगर आग लग जाती है और फ ायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने में अधिक समय लेती है तो आग भयावह रूप ले सकती है. सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि अब गर्मी शुरू हो गई है आग लगने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. ऐसे में शहर के लोगों को जागरूक होने की जरूरत है, जिस तरह से एंबुलेंस को रास्ता दिया जाता है उसी तरह फायर ब्रिगेड गाड़ी अगर सायरन बजाते हुए जाती है तो उसे भी रास्ता दिया जाए.

आग लगने की घटना भी इमरजेंसी

सुधीर कुमार वर्मा बताते हैं कि आग लगने की घटना भी इमरजेंसी सेवा है. अगर कहीं आग लगी है और तत्काल फ ायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुंचती है तो आग भयावह रूप ले सकती है. शहर में कई बार हम लोगों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है कि जाम लगता है. छोटी-मोटी आग लगने की घटना को संभाला जा सकता है लेकिन बड़ी दुर्घटना होने पर परेशानी हो सकती है.

2 मिनट में निकलती हैं गाडि़यां

सुधीर कुमार वर्मा बताते हैं जैसे ही कहीं आग लगने की घटना की सूचना मिलती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी दो मिनट में निकल जाती है. रात हो या दिन कभी भी शहर में कोई घटना की शिकायत अगर देता है तो उसी समय तत्काल फ ायर ब्रिगेड की गाड़ी अपनी टीम के साथ दो मिनट में पूरी व्यवस्था के साथ निकल पड़ती है. 24 घंटे टीम अलर्ट पर रहती है.

वर्जन

आग लगने को भी इमरजेंसी सेवा की तरह लोगों को समझना चाहिए. जिस तरह एंबुलेंस को रास्ता दिया जाता है उसी तरह फ ायर ब्रिगेड की गाडि़यों को भी रास्ता देने की जरूरत है. गर्मी के सीजन में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. लोगों को अवेयर रहने की जरूरत है.

सुधीर कुमार वर्मा, स्टेट फ ायर ऑफिसर, रांची, झारखंड