- देश के अलावा विदेशों में जीका वायरस के प्रकोप को देखते हुए उत्तराखंड में भी अलर्ट

- बुखार की कम्पलेन लेकर आने वाले मरीजों से ट्रेवल हिस्ट्री लेने के दिए गए निर्देश

देहरादून, मौसम में बदलाव के साथ ही डेंगू के मामलों में थोड़ी कमी आती दिखी तो अब जीका वायरस ने स्वास्थ्य महकमे की नींद उड़ा दी है। हालांकि, दून में जीका वायरस का अभी तक कोई मामला नहीं आया लेकिन राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस के 80 से ज्यादा मामले आने के बाद दून में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है। जयपुर से दून आने वाले टूरिस्ट्स की अच्छी खासी संख्या होती है, इसे लेकर खासतौर से लोगों को अवेयर किया जा रहा है। बुखार की कम्पलेन लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री जुटाने के निर्देश स्टाफ को दिए गए हैं। जयपुर से आने वाले लोगों को विशेष निगरानी में रखा जा रहा है।

जयपुर में 80 से ज्यादा केस

भारत सहित विदेश के 86 देशों में जीका वायरस का प्रकोप जारी है। अकेले जयुपर में 80 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी एहतियात के तौर पर जीका वायरस को लेकर जागरूकता अभियान शुरू करने जा रहा है। सीएमओ एसके गुप्ता ने बताया कि डीजी हेल्थ की ओर से जीका वायरस को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। हालांकि अभी तक कोई संदिग्ध मरीज तो नहीं आया है। फिर भी ऐसे में डेंगू और जीका वायरस को अलग-अलग से पहचान करने के लिए डॉक्टर्स की टीम को जरूरी निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

विदेशी टूरिस्ट्स पर भी नजर

विदेशों से बड़ी संख्या में टूरिस्ट्स उत्तराखंड पहुंचते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य महकमे द्वारा जीका वायरस को लेकर विशेष जागरूकता कैंपेन शुरू की जा रही है। जीका वायरस संक्रामक इन्फेक्शन है, ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य को ध्यान में रख ट्रैवल करने का सुझाव दिया जा रहा है।

संक्रामक है जीका वायरस

सामान्य रूप से जीका वायरस में भी डेंगू की तरह लक्षण दिखाए देते हैं, जीका वायरस डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया मच्छरों के जरिए ही फैलता है। यह एक प्रकार का एडीज मच्छर ही है जो दिन में सक्रिय रहता है। जीका वायरस में सबसे गंभीर बात यह है कि मच्छर यदि किसी जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है तो वह दूसरे व्यक्ति तक इस वायरस को फैला सकता है।

डेंगू टीम ही करेगी मॉनिटरिंग

प्रदेश भर में डेंगू का डंक अभी थमा नहीं है। अकेले देहरादून में 100 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है जबकि प्रदेश भर में 390 के करीब डेंगू से पीडि़त मरीजों का आंकड़ा पहुंचा। हालांकि डेंगू के अधिकतर मरीजों का घर पर ही इलाज चला। इधर जीका वायरस को लेकर अब डेंगू कंट्रोल टीम को विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि सबसे पहले मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री जांची जाए। डॉ। एसके गुप्ता ने बताया कि जो डॉक्टर्स की टीम डेंगू के मरीजों की मॉनिटरिंग कर रही थी, वही टीम जीका वायरस के लिए मॉनिटरिंग करेगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से जीका वायरस के लिए लोगों को अवेयर किया जाएगा। खासकर पर्यटकों को इसके लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा खतरा

जीका वायरस का सबसे बुरा असर गर्भवती महिला पर पड़ सकता है। गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जीका वायरस संक्रमित करता है। जिससे बच्चे को मानसिक विकार भी हो सकता है। इतना ही नहीं बच्चा अविकसित या दिव्यांग भी हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को ज्यादा अवेयर रहने की आवश्यकता है।

जीका के लक्षण-

-बुखार आना

-थकान लगना

-आंखों का लाल होना

-जोड़ों में दर्द

-सिरदर्द

-शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना

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बुखार की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री भी लेनी होगी। इसके लिए सभी डॉक्टर्स की टीम को जरुरी गाइडलाइन जारी किए जा चुके हैं। डेंगू और जीका दोनों को लेकर जरूरी एहतियात बरती जा रही है।

डॉ। एसके गुप्ता, सीएमओ देहरादून