माओवादियों के वार्ताकार बी़डी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल ताड़मेटला जाएंगे जहां उन्हें मेनन को सौंपा जा सकता है। पत्रकार जिला मुख्यालय सुकमा में डेरा जमाए हुए हैं और रिहाई को कवर करने के लिए वे भी ताड़मेटला जाने की तैयारी में हैं।

इससे पहले माओवादियों ने बीबीसी हिंदी को भेजे एक संदेश में कहा था कि वो अपह्त कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को तीन मई के दिन बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल को जनता के सामने सौंपेंगे।

ताड़मेटला वही जगह है जहाँ पर माओवादियों ने अपने वार्ताकारों को बुलाया था और उनके साथ जंगल में लंबी चर्चा की थी। माओवादियों ने बताया कि जेल में बंद उनके साथियों की रिहाई को लेकर उनके वार्ताकारों का सरकार से समझौता हुआ है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने माओवादियों से हुए समझौते को 'ऐतिहासिक' बताया और कहा है कि ये एक उदाहरण है कि ऐसी परिस्थितियों में किस तरह का समझौता होना चाहिए।

सवाल

लेकिन वार्ताकारों के समझौते के बाद से ऐसे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं जिनके जवाब इस समझौते में भी नहीं मिलते। माओवादी पहले मांग कर रहे थे कि अबूझमाढ़ इलाके से सुरक्षा बलों को हटा लिया जाए लेकिन यह बात इसमें शामिल नहीं है।

माओवादी अपने खिलाफ सुरक्षा बलों के जिस ग्रीनहंट ऑपरेशन को बंद करने की मांग करते रहे हैं उसका भी इस समझौते में कोई जिक्र नहीं है।

समझौते के मुताबिक सरकार ने कुछ माओवादियों को रिहा करने पर कोई सहमति नहीं जताई है और सिर्फ़ ये कहा है कि कुछ मामलों पर पुनर्विचार के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। जबकि माओवादी अपने कई नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे थे जिसके बदले में वे कलेक्टर मेनन को रिहा करेंगे।

ऐसे में कलेक्टर की रिहाई के लिए सरकार और माओवादियों के बीच कुछ समझौते को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कलेक्टर का गत 21 अप्रैल को माओवादियों ने अपहरण कर लिया था।

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