हाईकोर्ट बार में हुई प्रदेश भर के बार एसोसिएशन अध्यक्ष व सचिव की बैठक

15 को प्रदेश के अधिवक्ता नहीं करेंगे न्यायिक कार्य

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PRAYAGRAJ: प्रदेश भर में सक्रिय अधिवक्ताओं के संगठनों के अध्यक्ष और सचिवों का जमावड़ा शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हाल में हुआ। मुद्दा था अधिवक्ता संरक्षण बिल। इसे लागू करने के लिए हर स्तर पर साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया। वक्ताओं ने एमपी में लागू बिल को मिशाल के तौर पर पेश किया और कहा कि यही उत्तर प्रदेश में भी लागू होना चाहिए। तय किया गया कि इसके लिए 15 जनवरी को प्रदेश भर में अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे ताकि सरकार को निर्णय लेने के लिए बाध्य किया जा सके।

दुर्बल नहीं शक्तिशाली है अधिवक्ता

बैठक की अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्र कुमार चतुर्वेदी व संचालन संयुक्त सचिव प्रशासन प्रशांत सिंह ने किया। बैठक का शुभारम्भ एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन, बार के अध्यक्ष द्वारा प्रदेश भर से आए अध्यक्ष व सचिव समेत अन्य पदाधिकारियों का स्वागत माल्यापर्ण कर किया गया। एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन वीसी मिश्र ने सभी का स्वागत करते हुए अधिवक्ताओं की योग्यता तथा न्याय प्रणाली से अवगत कराया। कहा कि संरक्षण की आवश्यकता दुर्बल को होती है। अधिवक्ता स्वयं में शक्तिशाली होता है। अध्यक्ष इन्द्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि समस्याएं पूरे प्रदेश में एक समान हैं। अधिवक्ता संरक्षण बिल पारित कराए जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने का वादा किया। उनका कहना था कि जिस प्रकार से एमपी सरकार ने बिल पारित किया गया है अगर वैसे ही प्रदेश सरकार नहीं करती है तो प्रदेश के समस्त अधिवक्ता 15 जनवरी को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।

लागू किया जाय संरक्षण बिल

सीतापुर के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हरीश त्रिपाठी ने आभार व्यक्त करते हुए संरक्षण बिल पारित कराए जाने के लिए अपना मत दिया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरएन ओझा, सुधीर दीक्षित, मुन्ना यादव, संतोष कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह, बलवंत सिंह, उत्तम कुमार बनर्जी, मंगला प्रसाद त्रिपाठी समेत सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।