राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण परिषद की बैधता को हाई कोर्ट में चुनौती
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के गठन की अधिसूचना की संवैधानिक वैधता की चुनौती याचिका पर केन्द्र व राज्य सरकार से एक माह में जवाब मांगा है याचिका की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी। यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल तथा पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने कन्फेडरेशन ऑफ स्किल डेवलपमेन्ट एण्ड वेलफेयर ऑफ ट्रेनीज एसोसिएशन इंदौर व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी व अरविन्द कुमार मिश्र, राघवेन्द्र मिश्र ने बहस की।
कहां है दिक्कत
अधिसूचना से केन्द्र सरकार ने परिषद को अॅवार्डिग निकायों, आंकलन एजेन्सियों, कौशल सूचना प्रदाताओं एवं प्रशिक्षण निकायों को मान्यता देकर कार्य की निगरानी सौंपने का उपबन्ध किया है
5 दिसम्बर 18 को जारी अधिसूचना 180 दिन यानी 3 माह बाद 5 मार्च 19 को लागू हो जायेगी।
इसके बाद कार्यरत संस्थाएं स्वत: समाप्त हो जायेगी
याची का कहना
केन्द्र सरकार को बिना राज्यों की सहमति के ऐसी संस्था गठिन करने का अधिकार नही है।
ऐसा करना संघीय ढांचे के विपरीत है, राज्यों के अधिकार में हस्तक्षेप है
प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में अनुदेशकों को प्रशिक्षित किया जाता है
इस पर अभी तक एनसीबीटी का नियंत्रण था। अब गठित संस्था के निर्देश में प्राइवेट संस्थाओं को मान्यता देकर प्रशिक्षण का कार्य लिया जायेगा
अनुदेशकों को प्रशिक्षण का कार्य प्राइवेट एजेंसियों को सौंपना पूरी स्कीम का प्राइवेटाइजेशन करना है जो राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है
यह अनुच्छेद 252 व अनुच्छेद 73 का उल्लंघन है
मांग
संविधान के खिलाफ होने के कारण केन्द्र सरकार की प्रशासनिक शक्तियों से एकतरफा गठित परिषद असंवैधानिक घोषित किया जाय।