हाई कोर्ट ने दी चेतावनी, सरकार का पक्ष नहीं आया तो पारित होंगे एकतरफा फैसले, लगेगा जुर्माना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को एक बार फिर योगी सरकार की कोर्ट के प्रति कार्यशैली पर नाराजगी जताई है और उसने सुधार के लिए प्रमुख सचिव विधि उमेश कुमार को तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। कहा है कि वह बताएं कि अदालतों में सहयोग के लिए समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है।

कोर्ट ने उठाया सवाल

न्यायालय ने पूछा है कि यदि सरकार सक्षम व योग्य वकीलों की राज्य विधि अधिकारी के पदों पर नियुक्ति नहीं कर पा रही है तो क्यों न अदालत आदेश में सरकार की तरफ से सहयोग न मिलने का जिक्र कर केसों का एकतरफा निस्तारण करें। यही नहीं कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि कोर्ट में सरकार का पक्ष न रखकर बेवजह अदालत का समय बर्बाद करने के लिए क्यों न सरकार पर भारी हर्जाना लगाया जाए। प्रमुख सचिव को कोर्ट ने 24 अक्टूबर 17 को तलब किया है। यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने अवसाद व अन्य की याचिका पर दिया है।

क्यों खफा है कोर्ट

दो बार इस केस की सुनवाई टालनी पड़ी

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जवाब तैयार हो रहा है

दो बार का समय 8 सितम्बर 17 व 19 सितम्बर 17 को दिया था लेकिन केस की सुनवाई के दिन तक इस मामले में जवाब दाखिल नहीं किया गया

जवाब तैयार किए जाने का सरकारी वकील का बयान झूठा था

इस कारण कोर्ट ने अधिकारी को तलब किया है

कोर्ट ने याची के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश को अग्रिम आदेश तक के लिए बढ़ा दिया

कोर्ट का कहना था कि योग्य सरकारी वकीलों की नियुक्ति न होने से अब अदालत प्रतीक्षा नहीं करेगी बल्कि केसों का एकतरफा निस्तारण कर सरकार पर जुर्माना ठोकेगी।

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सेन्ट्रल इक्साइल व कस्टम का अधिवक्ता पैनल नियुक्त

सेन्ट्रल इक्साइज एवं कस्टम विभाग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में विभाग के मुकदमों की पैरवी के लिए सीनियर व जूनियर स्थायी अधिवक्ताओं का नया पैनल जारी किया है। केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग की तरफ से जारी आदेश के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 6 सीनियर स्थायी अधिवक्ता एवं 3 जूनियर स्थायी अधिवक्ता नियुक्त हुए है। अधिवक्ता पीयूष अग्रवाल, धनंजय अवस्थी, गौरव महाजन, बीके सिंह रघुवंशी, रमेश चन्द्र शुक्ल व अशोक सिंह सीनियर तथा शुभम अग्रवाल, विनय शुक्ल व सिद्धार्थ सिंहल जूनियर स्थायी अधिवक्ता नियुक्त हुए हैं।