इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र फार्मेट में न होने कारण अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी का नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा, आरक्षी भर्ती में पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा याची को आरक्षित श्रेणी में स्वीकार करने से इंकार करना उचित नहीं है। कोर्ट ने भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह याची को अनुसूचित जाति का मानते हुए आदेश पारित करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जाति प्रमाणपत्र की जांच नियुक्ति पत्र जारी करते समय की जा सकती है। यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने अजीत कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।