गंभीर बीमार अध्यापकों के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीर रूप से बीमार अध्यापकों के तबादले पर पांच वर्ष तक रोक के शासनादेश की वैधता याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी।

दर्जनों याचिकाएं हुई दाखिल

यह आदेश जस्टिस एमसी त्रिपाठी ने अनुरुद्ध कुमार त्रिपाठी व ऐसे ही दर्जनों अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याची अधिवक्ता डीके त्रिगुणायत का कहना है कि याची किडनी की गंभीर बीमारी से पीडि़त है। डाक्टरों ने कानपुर में रिफर किया है। याची बांदा में सहायक अध्यापक है। राज्य सरकार ने 13 जून 2017 के शासनादेश के पैरा 4,8 ख के तहत सहायक अध्यापक का पांच साल तक तबादला न करने का आदेश जारी किया है। याची का कहना है कि पांच साल तक तबादले पर लगी रोक में गंभीर रूप से बीमार अध्यापकों को छूट नहीं दी गयी है जो अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मूल अधिकारों के विपरीत व मनमानी है, याचिका में गंभीर बीमार अध्यापकों को पांच साल की रोक से छूट दिये जाने की मांग की गयी है।