एनसीजेडसीसी में बही सुर लहरियां, मुग्ध हो गए श्रोता

ALLAHABAD: गायन इनका पेशा नही था लेकिन सुर सटीक लग रहे थे। प्रत्येक गाने पर श्रोता झूमे तो गायकों ने भी एक से बढ़कर नगमे पेश किए। इलाहाबाद म्युजिक क्लब के पांचवें वार्षिकोत्सव समारोह 'ए म्युजिकल इवनिंग कपूर्स' में डॉक्टर, व्यापारी समेत समाज के अन्य वर्गो के लोगों ने जमकर शिरकत की। उन्होंने मंच के माध्यम से अपने गायिकी के टैलेंट का प्रदर्शन किया। एनसीजेडसीसी में आयोजित संगीत संध्या में बालीवुड की मशहूर कपूर फैमिली के गानों की प्रस्तुति दी गई।

दिलों को जोड़ने वाला आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि यह दिलों को जोड़ने वाला कार्यक्रम है। विशिष्ट अतिथि मेजर जनरल एसके सिंह ने इस मंच को प्रतिभा प्रदर्शित करने का अनूठा आयोजन बताया। गायिकी में दीप्ति व नम्रता ने 'सत्यम शिवम सुंदरम' की सुरीली प्रस्तुति की। करन ने 'एक हसीना थी एक दीवानी थी' सुनाकर तालियां बटोरी। दीप्ति ने 'ये शमा, शमा है ये प्यार की', नम्रता ने 'रसिक बलमा', वहीं पीयूष टंडन ने शम्मी कपूर पर फिल्माए गए 'बदन पे सितारे लपेटे हुए ओ जाने तमन्ना किधर जा रही है' सुनाया तो श्रोता बाग बाग हो उठे। नम्रता व दीप्ति ने 'कजरा मोहब्बत वाला अंखियों में ऐसा डाला' की जोरदार प्रस्तुति दी। क्लब के अध्यक्ष अमिताभ गर्ग ने आयोजन के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में बृजराज तिवारी, डॉ। एलएस ओझा, तरुण चतुर्वेदी, अशोक कुमार, डॉ। घनश्याम मिश्र, फूलचंद्र दुबे मौजूद रहे।