शुआट्स व एक्सिस बैंक अधिकारियों की मिली भगत से 22 करोड़ से अधिक का हुआ था घोटाला
ALLAHABAD: एक्सिस बैंक में हुए 22 करोड़ 37 लाख रुपए के गबन के मामले में जांच कर रही एसआईटी ने मंगलवार को शुआट्स के दो प्रतिकुलपति समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। प्रकरण में एसआईटी शुआट्स के कई अधिकारियों के साथ ही एक्सिस बैंक के चार अधिकारियों को गिरफ्तार कर नैनी जेल भेज चुकी है। सिविल लाइंस थाने में एक्सिस बैंक के मैनेजर की तरफ से दो के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
मार्च 2017 में एक्सिस बैंक के मैनेजर योगेश बाजपेयी ने सिविल लाइंस थाने में बैंक के पूर्व मैनेजर कमाल एहसान व शुआट़्स के एकाउटेंट राजेश के खिलाफ करोड़ों रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तीन माह की जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। तब एसएसपी ने एसपी क्राइम बुजेश मिश्र और सीओ कर्नलगंज अलोक मिश्र के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर जांच सौंपी। एसआईटी की जांच में शुआट्स के उच्चाधिकारी और बैंक अधिकारियों की मिली भगत सामने आयी। एसआईटी ने नामजद आरोपी कमल एहसन को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसके बाद शुआट्स के रजिस्ट्रार समेत सात अधिकारियों को जेल भेजा जा चुका है। बैंक से निकाले गए तीन पूर्व मैनेजर भी गिरफ्तार हुए। बता दें कि इस प्रकरण में कुछ दिनों पहले ही हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद दोनों प्रतिकुलपति की गिरफ्तारी पर रोक लगी थी।
अब तक ये हुए हैं गिरफ्तार
कमाल एहसान, एक्सिस बैंक से निलंबित पूर्व अधिकारी
रॉबिन एल प्रसाद, रजिस्ट्रार शुआट्स
बर्नावस एस लाल, वित्त नियंत्रक
अजय डेविड, उप वित्त नियंत्रक
स्टीफेन दास, फाइनेंशियल मैनेजमेंट डायरेक्टर
राजेश कुमार, एकाउटेंट शुआट्स
अंकुर मिश्रा, बैंक अधिकारी
सचिन, बैंक कर्मचारी
पुलिस को इन बिंदुओं पर था शक
घोटाला उजागर होने के बाद विवेचना के दौरान शुआट्स की ओर से पेश दस्तावेजों में तमाम गड़बड़ी
शुआट्स की ओर से जनवरी 2017 में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करते हुए कहा गया था कि कोई घोटाला नहीं हुआ है
शुआट्स की ओर से सौंपे गए साक्ष्य के अनुसार खाते की रकम में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं थी
पुलिस को जांच में पता चला कि इस दौरान भी लाखों रुपये का वारा न्यारा हो चुका था
कई चेकों पर हस्ताक्षर कर तो कुछ पर बिना हस्ताक्षर के बड़ी- छोटी रकम निकाली गई
पुलिस को यह अखर गया कि शुआट्स की तरफ से ऐसी रिपोर्ट दाखिल क्यों की गई
शुआट्स के खाते से पैसों का निकलना 2016 से ही शुरू हो चुका था
शुआट्स प्रबंधन की कार्रवाई एकाउंटेंट राजेश तक ही सीमित क्यों रही