इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में क्रेट के दाखिले में देरी, साल के अंत तक दाखिला खिंचना तय

- 13 जून को हुई थी परीक्षा, ढाई माह बाद आया था रिजल्ट

ALLAHABAD: कितना हास्यास्पद है कि एक ओर जहां इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अभी शोध के दाखिले की शुरुआत नहीं हो सकी है। वहीं इविवि प्रशासन कॉलेजेस में पीएचडी कोर्सेस की शुरुआत की बात कर रहा है। इविवि एडमिनिस्ट्रेशन ने घोषणा की है कि कॉलेजेस में दशकों से लंबित मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इसके बाद कॉलेजेस में पीएचडी कोर्सेस के दाखिले की संस्तुति की गई है। इसके लिए प्रो। जगदम्बा सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला होना है।

साल खत्म होने में ढाई माह से कम समय

ज्ञातव्य हो कि किसी भी विश्वविद्यालय की रीढ़ वहां का शोध ही होता है। यूजीसी भी बराबर शोध के दाखिले और पाठ्यक्रम की बेहतरी के लिए समय-समय पर गाइडलाइन जारी करता रहा है। लेकिन साल 2018 के खत्म होने में अब करीब ढाई महीने का ही वक्त बचा है। लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में शोध का दाखिला अभी भी अधूरा ही है। जबकि हैरानी वाली बात यह है कि इविवि ने 10 अगस्त तक यूजी, पीजी समेत अन्य कोर्सेस के दाखिले को पूरा कर लिया है।

43 विभागों का होना है साक्षात्कार

बता दें कि इविवि में शोध का दाखिला कम्बाइंड रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (क्रेट) के तहत होता है। इस साल इसका आवेदन 22 अप्रैल से लिया गया था। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि 30 मई थी। वहीं 13 जून को परीक्षा करवाई गई। लेकिन इसका परिणाम आने में ही लम्बा समय लग गया। क्रेट के तहत अलग अलग विषयों का रिजल्ट सितम्बर के प्रथम सप्ताह से आना शुरू हुआ। जिसमें एक सप्ताह से भी ज्यादा का समय लगा। वहीं अब करीब 43 विभागों के साक्षात्कार की प्रक्रिया होनी है। लेकिन सभी विभागों में अभी भी साक्षात्कार का काम पूरा नहीं हो सका है।

11 संघटक कॉलेजेस में होगा प्रवेश

जानकारों का कहना है कि सभी विभागों में साक्षात्कार का कार्य सम्पन्न होने और रिजल्ट निकालने में दो माह से अधिक का समय लगेगा। 2017 में देखने में आया था कि शोध का दाखिला 2018 के शुरुआती माह तक खिंच गया था। ऐसे में कॉलेजेस में शोध के दाखिले की बात किसी को पच नहीं रही है। विवि प्रशासन की योजना है कि चूंकि अभी क्रेट के साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी होनी बाकी है। ऐसे में क्रेट की मेरिट के आधार पर ही कॉलेजेस में भी दाखिला करवा लिया जाए। हालांकि, यह काम इस सत्र में आसान नहीं लग रहा है। इस बाबत एयू के पीआरओ डॉ। चितरंजन कुमार का कहना है कि विवि प्रशासन कॉलेजेस में पीएचडी के एडमिशन को लेकर तेजी से काम कर रहा है। सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, जिसे जल्द अमलीजामा पहनाया जाएगा।