कुलपति ने वित्तीय और प्रशासनिक अराजकता के लिए स्वतंत्र जांच एजेंसी को जांच सौंपने का दिया संकेत

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो। एचएस उपाध्याय का पूरा कार्यकाल जांच के दायरे में आ गया है। गुरुवार को इविवि में हुई एक्जक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में कुलपति प्रो। आरएल हांगलू ने कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन कार्यालय में अतीत में हुई सारी अनियमितताओं को लेकर एक हाई पावर जांच कमेटी का गठन किया। यह कमेटी पिछले कुछ सालों में कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन कार्यालय में हुई भारी अनियमितताओं की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी।

लॉ पेपर लीक मसले पर लंबी चर्चा

कमेटी में 05 लोग शामिल होंगे। एक्जक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन कार्यालय की कार्यपद्धति को लेकर गंभीर और लंबी चर्चा हुई। कुलपति प्रो। आरएल हांगलू ने हाल में नव नियुक्त कंट्रोलर रामेंद्र सिंह और चीफ प्रॉक्टर को इस मीटिंग में स्पेशल इनवाइटी के तौर पर आमंत्रित किया था। जानकारों का कहना है कि प्रो। एचएस उपाध्याय के कार्यकाल में नियम कानून को ताक पर रखकर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को अंजाम दिया गया। इसमें परीक्षा कार्य से लेकर परीक्षा विभाग में हुई नियुक्तियां तक शामिल हैं। बता दें कि प्रो। उपाध्याय का सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने से पहले से ही परीक्षा नियंत्रक के पद पर कब्जा था। वहीं पिछले दिनों लॉ पेपर लीक मसले पर एक्जक्यूटिव काउंसिल में लंबी चर्चा हुई और सारे सदस्यों ने ध्वनिमत से कुलपति से आग्रह किया कि अगर कुलपति चाहें तो किसी अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति या किसी बड़ी एजेंसी से इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच करवा सकते हैं।

नियुक्तियों के लिफाफे भी खुले

कार्य परिषद में 14 तारीख को हुए एकेडमिक काउंसिल के सारे फैसलों पर एक्जक्यूटिव काउंसिल की मुहर लग गई। अब यह पूरी तरीके से तय हो गया कि कॉलेजेस में पीएचडी का पाठ्यक्रम शुरू किया जा सकेगा। काउंसिल में हिंदी विभाग में प्रवेश के लिए शोध की 60 सीटों पर भी चर्चा हुई और यह तय किया गया कि जल्द से जल्द विभाग में शोध की 60 सीटों पर साक्षात्कार करवाया जाए। मीटिंग के दौरान पिछले दिनों विश्वविद्यालय में हुए 03 पदों की नियुक्तियों के लिफाफे भी खोले गए और विवि को तीन अधिकारी मिले। इनमें मेडिकल ऑफिसर के रूप में श्रेया पांडेय, इंफॉर्मेशन साइन्टिस्ट के रूप में सुधाकर और लॉ ऑफिसर के रूप में पीयूष मिश्रा की नियुक्ति को संस्तुति प्रदान की गई।

कैस के तहत दी गई प्रोन्नति

मीटिंग में पिछले दिनों कैस के तहत लिए गए साक्षात्कार का लिफाफा खोला गया और कई लोगों को प्रोन्नति दी गई। इसमें एटमॉसफेरिक एंड ओसियन साइंस सेंटर के डॉ। शैलेंद्र राय को असिस्टेंट से एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति मिली। प्राचीन इतिहास विभाग के डॉ। शशिकांत राय को एसोसिएट से प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति दी गई। अर्थशास्त्र विभाग की डॉ। किरण सिंह प्रोफेसर बनी हैं। फिजिक्स विभाग के डॉ। लोकेन्द्र कुमार, डॉ। प्रतिमा और डॉ। केएन उत्तम एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत हुए हैं। फिजिक्स विभाग के डॉ। आरके आनंद और डॉ। असील कुमार को एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोन्नत किया गया है।

पिछले कई सालों से कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन कार्यालय में कई वित्तीय गड़बडि़यां हुई। इन सारे मामलों की तह तक जाने के लिए स्वतंत्र एजेंसी से जांच की जरूरत पड़ी तो विश्वविद्यालय यह जांच करवा सकती है। इसमें शामिल लोगों को सस्पेंड भी कर सकती है। सदस्यों ने नए कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन डॉ। रामेन्द्र सिंह के कायरें की ध्वनिमत से प्रशंसा की।

डॉ। चित्तरंजन कुमार, पीआरओ एयू