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PATNA: राजधानी में मरीजों के लाने-ले जाने के लिए संचालित प्राइवेट एम्बुलेंस की दर पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. एम्बुलेंस संचालक परिस्थति के हिसाब मरीजों को लाने ले जाने का सौदा करते हैं. पांच किमी के लिए 700 से 800 रुपए तक वसूलते हैं. वहीं लाश ले जाने के लिए इतनी ही दूरी में 2 से 3 हजार रुपए परिजनों से लेते हैं. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने प्राइवेट एंबुलेंस संचालक से बात की तो पता चला कि स्वास्थ्य विभाग को प्राइवेट एम्बुलेंस पर कोई नियंत्रण नहीं है.

बाहर जाने पर लेते हैं 7 से 10 हजार ऐसे मरीज जो डिस्चार्ज होने के बाद ट्रेन या बस से घर तक पहुंचने में सक्षम नहीं है और वे दूसरे जिलों के निवासी हैं. ऐसे में मजबूरी का फायदा उठाते हुए प्राइवेट एम्बुलेंस संचालक 7 से 10 हजार रुपए तक मरीज के परिजनों ऐंठते हैं. एम्बुलेंस संचालक सोहन लाल ने बताया कि महात्मा गांधी सेतु पार करने पर किराया 5 हजार पार कर जाता है. क्योंकि सेतु पर अक्सर जाम लगा रहता है ऐसे में ईधन की खपत अधिक हो जाती है.

स्वास्थ्य विभाग है मौन

प्राइवेट एम्बुलेंस की मनमानी को लेकर न तो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई हो रही है और न ही परिवहन विभाग से. विभागीय अधिकारियों की मानें तो एम्बुलेंस को लेकर हाल फिलहाल कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया गया है. वाहन जांच के क्रम में अगर कोई पकड़े जाते हैं तो उन पर विभागीय कार्रवाई की जाती है. नाम न छापने के शर्त पर परिवहन विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि पटना जिला में लगभग 3 हजार एम्बुलेंस के रूप में रजिस्टर्ड जबकि 10 हजार से ज्यादा वाहन एम्बुलेंस के रूप में प्रयोग हो रहे हैं.

हाल फिलहाल में एम्बुलेंस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. रही बात रेट निर्धारण की तो होनी चाहिए लेकिन अभी यह तय नहीं है.

-मृत्युंजय कुमार, एमवीआई परिवहन विभाग