मध्यम वर्ग के आम आदमी का चेहरा रहे हैं अमोल

जानेमाने अभिनेता-निर्देशक अमोल पालेकर को भारत की ऑस्कर ज्यूरी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह ज्यूरी 88वें एकेडमी अवॉर्ड्स की बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में भारतीय एंट्री का चयन करेगी। 17 सदस्यों वाली यह ज्यूरी तय करेगी की कौन-सी भारतीय फिल्म 88वें एकेडमी अवॉर्ड्स में भारत की ओर से बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ अवॉर्ड के लिए दावेदार होगी। 70 वर्षीय अमोल पालेकर इस ज्यूरी का नेतृत्व करेंगे। फिल्म फेडेरेशन ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी सुपर्ण सेन ने कहा कि हमने अमोल पालेकर को भारत की ऑस्कर ज्यूरी के प्रमुख के तौर पर चुना है। वह एक प्रतिष्ठित फिल्म शख्सियत हैं। अमोल पालेकर का भारतीय सिनेमा में बेमिसाल योगदान रहा है। उन्होंने 'रजनीगंधा', 'छोटी-सी बात', 'चितचोर' , 'गोलमाल', 'घरौंदा' जैसी एक से बढ़कर एक बेमिसाल फिल्में दी हैं। वे बॉलीवुड की फिल्मों में मध्यम वर्गीय आम आदमी का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। वह करीब 20 फिल्मों का निर्देशन भी कर चुके हैं।

खुद अमोल स्टारर पहेली कर चुकी है ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व

2009 में अमोल पालेकर की शाहरुख-रानी स्टारर फिल्म 'पहेली' को ऑस्कर के लिए बेस्ट फॉरेन लैंग्वेमज फिल्म कैटेगरी में भारतीय एंट्री घोषित किया गया था, लेकिन अफसोस यह फिल्म अवॉर्ड नहीं जीत पाई थी। खैर, अमोल पालेकर ने भी भारत की ऑस्ककर ज्यूरी का चेयरमैन नियुक्त् किए जाने पर खुशी जताई है। साथ ही यह भी बताया कि अगले साल ऑस्कर में कौन सी फिल्म भारत का प्रतिनिधित्व करेगी, इसके चयन की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। वो ज्यूरी के बाकी सदस्यों से मुलाकात कर इस पर काम शुरू करेंगे।

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