RANCHI: अमृतसर में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे में काफी लोगों की मौत हो गई। इसके लिए भले ही कोई अपनी गलती मानने को तैयार न हो। लेकिन हमारे सिटी के यूथ इसे लेकर काफी आक्रोशित हैं। उनकी मानें तो ऐसे हादसों को रोकने के लिए सरकार और रेलवे को स्पेशल प्लान बनाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो सके। वहीं लोगों को भी इस हादसे से सबक लेने की जरूरत है।

इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर भी 180 मीटर जाती है ट्रेन

अमृतसर में ट्रेन हादसे में लोगों की मौत हो गई। ऐसे में ट्रेन की रफ्तार अगर कम होती तो शायद इतनी मौत न होती। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद भी ट्रेन को रोका नहीं जा सकता था। यही वजह है कि ड्राइवर ने ब्रेक लगाया और ट्रेन धीमी भी हुई लेकिन तबतक सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आ चुके थे। रांची डिवीजन के सीनियर डीओएम नीरज कुमार की मानें तो टेक्निकल रूप से इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर भी ट्रेन 180 मीटर तक चलती है। इसके बाद ही ट्रेन को कंट्रोल किया जा सकता है। पायलट को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है चूंकि वहीं ट्रेन को लेकर निकलता है। वहीं उसे यह भी बताया जाता है कि इमरजेंसी की स्थिति में उसे ही फाइनल डिसीजन लेना होता है।

इस दुर्घटना में जितने भी लोगों की मौत हुई है उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता। लेकिन अब लोगों को समझना होगा कि रेलवे की पटरियों पर खड़े रहना हादसे को दावत देना है। वहीं रेलवे को ऐसी जगहों पर घेराव करने की जरूरत है, जिससे कि लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पाएंगे।

अंश जायसवाल

घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन इससे सरकार को अलर्ट हो जाना होगा। एक्सप्रेस ट्रेन के किसी भी स्टेशन के पास पहुंचने या फिर फाटक के पास से गुजरने के दौरान विशेष सावधानी बरतनी होगी। इसके अलावा कुछ सिक्योरिटी अपडेट करने की भी जरूरत है जिससे कि दूर किसी चीज के होने की जानकारी मिल सके।

सुरभि सिंह राजपूत

ट्रेन की लाइट को लेकर परेशानी होती है। लाइट से पटरियां भी ठीक से दिखाई नहीं देतीं। ऐसे में सबसे पहले ट्रेनों की लाइट को अपग्रेड करना होगा ताकि दूर की चीजों को भी देखा जा सके। इसके अलावा डेंजर जोन वाले इलाकों में स्पेशल अलर्ट की व्यवस्था करनी होगी तभी ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।

कुमार अमरेंद्र

अमृतसर की घटना से सरकार को सबक लेना होगा। वहीं रेल प्रबंधन को अपने लेवल पर तैयारी करने की जरूरत है। चूंकि रांची में भी पटरियों पर लोग गुजरते है। इस बीच कभी भी अमृतसर जैसी घटना हो सकती है। सिक्योरिटी सिस्टम को अपग्रेड करते हुए स्पेशल प्लान से ही बात बनेगी।

पंकज श्रीवास्तव