कहानी :
एक पियानो प्लेयर की कहानी है जिसकी ज़िन्दगी में कुछ अंधाधुन्द होता है, बाकि कहानी न मैं बता सकता हूँ, और चाहूँ भी तो बता नहीं सकता, बहुत कॉम्प्लिकेटेड है।

समीक्षा :
भाई लोग, अगर आप सस्पेंस थ्रिलर के दीवाने हैं तो इस समीक्षा को पढ़ने में ज़्यादा टाइम वेस्ट न करें, सीधे जाएँ और अंधाधुन देख के आएं। वैसे तो मैं बॉलीवुड की थ्रिलर फिल्मों का फैन नहीं हूँ, क्योंकि यहां अधिकतर सस्पेंस थ्रिलर फिल्म्स कचरा होती हैं। इस फिल्म का लेवल ही अलग है, अगर आप अपने की ब्योमकेश बक्शी या शेरलॉक होम्स सामझते हैं और फिल्मी ट्विस्ट आपको पहले ही पता चल जाते हैं, अगर आपको अपने पे गुमान है तो देख के आइये ये फिल्म, फिल्म की ज़बरदस्त स्क्रिप्ट आपकी एक भी गेस सही नहीं होने देगी। एक के बाद एक आपका सारा कॉन्फिडेंस जवाब दे जाएगा और आप फिल्म में एंग्रोस हो जाएंगे। फिल्म के राइटर्स अरिजीत बिस्वास, योगेश चांदेकर, श्रीराम राघवन, पूजा लढा सुरति ने इतना टाइट स्क्रीनप्ले लिखा है की मजाल है की आप किसी भी समय पे टॉयलेट जा पाएं, इसलिए हलके होक ही सीट पे बैठिएगा। फिल्म के डायलॉग भी बड़े अच्छे से फिल्म के लुक एंड फील को एन्हांस करते हैं। फिल्म का म्यूजिक इस फिल्म का बड़ा हिस्सा है, इनफैक्ट फिल्म में म्यूजिक एक करैक्टर जैसा है, साथ ही आर्ट डिपार्टमेंट और निर्देशन भी परफेक्ट है। मीन मेख निकालना मुश्किल है। एडिटिंग भी इतनी क्रिस्प है की सवा दो घण्टे पता ही नहीं चलते की कब निकल गए

अंधाधुन मूवी रिव्यू : दश‍क की बेस्ट सस्पेंस थ्रिलर में आयुष्मान और तब्बू ने किया कमाल

एक्टिंग :
आयुष्मान खुराना की ये अब तक की बेस्ट फिल्म है। उनका काम अवार्ड के लायक है, इसके लिए उनको बधाई. आयुष्मान का रोडीज़ से लेकर इस फिल्म तक का सफर निश्चित ही डार्विन की ऐवोलुशन थ्योरी को प्रूव करता है। तब्बू तो शानदार हैं ही, और इस साल की बेस्ट विलेन अब तक वही हैं। साथ ही अनिल धवन, राधिका आप्टे। अश्विनी कलसेकर और ज़ाकिर हुसैन का काम भी माइंड ब्लोइंग है। सबने अच्छी स्क्रिप्ट पे अपना बेस्ट दिया है।

 

वर्डिक्ट :
क्लाइमेक्स से पहले प्री क्लाइमेक्स उससे पहले एंटी क्लाइमेक्स, दादा रे दादा, पता ही नहीं चलता कि ट्विस्ट एंड टर्न का ऊँट किस करवट बैठेगा। फिल्म आपके साथ खेलती है फिल्म में नाच गाना आइटम डांस वगैरह नहीं है, जिसको वो सब चाहिए वो कृपा करके इस नवरात्री डांडिया नाच लें। अगर आप एक ज़बरदस्त सस्पेंस फिल्म देखने के मूड में हैं, तो अंधाधुन चले आइये इस फिल्म को देखने। फिल्म का ऐंड अगर आपको अधूरा लगे तो समझ लीजिए, जैसा कि राधिका कहती है... कुछ चीजें इसलिए पूरी हैं क्योंकि वो अधूरी हैं, उसमें उंगली मत करना और इसी वजह से मैं फिल्म को जस्टिफाइड 5 स्टार की रेटिंग दे रहा हूँ।

रेटिंग : 5 STAR

Review by : Yohaann Bhaargava
Twitter : @yohaannn

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