-आंगनबाड़ी केंदों पर अब गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को मिलेगा पौष्टिक आहार
-एनीमिया से बचाव के लिए अप्रैल से शुरू होगी नई व्यवस्था
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Varanasi
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अब पोषाहार की जगह गर्भवती महिलाओं, धात्री और किशोरियों को इंस्टेंट फूड दिया जाएगा। अप्रैल से नई व्यवस्था की शुरुआत हो जाएगी। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने यह कदम महिलाओं को एनीमिया (खून की कमी) से बचाव के लिए उठाया है। इसको लेकर विभाग तैयारियों में जुटा है। अभी इंस्टेंट फूड का मेन्यू फाइनल नहीं हो सका है। लेकिन दलिया, खिचड़ी, हलवा जैसे पौष्टिक आहार दिए जाने की संभावना है।
फरवरी से पोषाहार है बंद
अभी तक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं, धात्रियों और किशोरियों को सेहतमंद रखने के लिए पोषाहार दिया जाता रहा है। हर महीने की पांच, पंद्रह और पच्चीस तारीख को एक सौ चालीस ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से पोषाहार दिया जाता रहा है। नई व्यवस्था के चलते पोषाहार को 15 फरवरी को बंद कर दिया गया था। अचानक पोषाहार बंद होने से शासन का कुपोषण खत्म करने का अभियान धीमा पड़ने लगा। लेकिन नई व्यवस्था शुरू होने से काफी राहत मिलेगी।
वितरण में मिल रहीं थी शिकायत
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार वितरण में तमाम शिकायतें मिलने लगी थीं। कई बार विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से खुले बाजार में पोषाहार बेचे जाने की बात भी सामने आई। विभागीय भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया। हालांकि इंस्टेंट फूड प्री पैक्ड होगा। या फिर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तैयार किया जाएगा? यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
कम समय में बनता है इंस्टेंट फूड
इंस्टेंट फूड कम समय में तैयार होता है। साथ ही यह पौष्टिक भी होता है। इंस्टेंट फूड के तहत दलिया, खिचड़ी, हलवा जैसे आइटम आते हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इंस्टेंट फूड में ऑयरन, प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा आदि शामिल रहते हैं। इस फूड के सेवन से महिलाओं और किशोरियों को सेहतमंद रखा जा सकेगा। कुपोषण से भी बचाव हो सकेगा। सेंटरों पर बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए हॉट कुक्ड यानी पका पकाया भोजन देने की व्यवस्था है। लेकिन बजट के अभाव में कुछ महीनों से हॉट कुक्ड भी नहीं मिल रहा है।
हीमोग्लोबिन की कमी से एनीमिया
खून में ऑयरन की कमी से हीमोग्लोबिन कम हो जाने को एनीमिया (रक्ताल्पता) कहा जाता है। ऑयरन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। ऑयरन कम होने से हीमोग्लोबिन की कमी से एनीमिया हो जाता है। एनीमिया दो तरह का होता है।
वर्जन-
पोषाहार बंद होने की वजह से शासन स्तर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों को इंस्टेंट फूड देने की तैयारी की गई है। इसका वितरण मध्य अप्रैल से होने की सम्भावना है। हालांकि अभी तक इसका मेन्यू नहीं आया है।
नीलम मेहता, जिला कार्यक्रम अधिकारी
एक नजर
3914
3914 आंगनबाड़ी केन्द्र जिले में हैं
991
आंगनबाड़ी सेंटर शहर में हैं
3,708
आंगनबाड़ी कार्यकिर्त्रयां जिले में हैं
3,045
सहायिकाएं केंद्रों पर हैं
98
सुपरवाइजर सेंटरों की मॉनीटरिंग करने के लिए तैनात हैं।