GORAKHPUR: एटीएस द्वारा गिरफ्तार पुणे में गिरफ्तार गोरखपुर के रमेश शाह के माध्यम से कश्मीर के पत्थरबाजों तक धन पहुंचाया गया है। पाकिस्तान में बैठे अपने आका के कहने पर रमेश के खाते में लाखों रुपए डाले जाते थे और उसे विभिन्न माध्यमों से आतंकी गतिविधियों के लिए पहुंचाया जाता था। एटीएस के अनुसार इसके खाते से करीब एक करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। पाकिस्तान में बैठे आका से लगातार रमेश की बातचीत की पुष्टि भी हुई है।

देश से करने लगा गद्दारी

बचपन से ही गरीबी देख चुका रमेश ऐशो-आराम व चकाचौंध में इस तरह अंधा हो गया कि वह आतंकियों के संपर्क में आ गया। बेरोजगारी व गरीबी से ग्रसित युवा को सॉफ्ट टारगेट बनाया गया। पाकिस्तान में बैठा एजेंट उसके पास पैसा भेजता था और बैंक के माध्यम से विभिन्न तरीके से ट्रांजेक्शन कर वह हवाला के माध्यम से आतंकी गतिविधियां संचालित करने वालों तक यह धन पहुंचा देता था। इसके एवज में उसे अच्छी खासी रकम मिल जाती थी।

युवाओं को टारगेट करता था रमेश

रमेश गरीब युवाओं को अपना पहला निशाना बनाता था। रातों रात पैसा कमाने का लालच देकर वह युवाओं का पहले बैंक अकाउंट खुलवाता था और फिर उन्हें इसका एजेंट बनाकर इसके लिए और युवाओं को जोड़ने की बात कहता था। ताकि अधिक से अधिक बैंक खाते खोलकर उसमें टेरर फंडिंग की रकम ट्रांसफर कराई जा सके। रमेश के जरिए ही यहां बलदेव प्लाजा से एटीएस के हत्थे चढ़े मोबाइल कारोबारी नसीम बद्रर्स सहित अन्य पकड़े गए आरोपियों को इस धंधे से जोड़ा था।

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मां को फोन करना रमेश के लिए बना काल

वहीं, तीन महीनों से फरार चल रहे रमेश का अपनी मां को चार दिन पहले फोन करना महंगा पड़ गया। परिवार के लोगों के मुताबिक फरारी के बाद उसने अपने परिवार के लोगों को फोन कर सभी का नंबर बदल देने की बात कही थी। रमेश की बात के बाद पूरे परिवार ने अपना पुराना नंबर बंद कर दिया और नया नंबर ले लिया, लेकिन उन्हें क्या पता था कि पुराना मोबाइल इस्तेमाल करना भी उनके बेटे के लिए काल बन सकता है। परिवार के लोगों के मुताबिक तीन दिन रमेश अपनी मां को फोन किया था। उसने अपने बीमारी की बात कहते हुए प्लेटलेट्स चढ़वाने के लिए रुपयों की मांग की थी। रमेश का अपने परिवार को फोन करते ही उसके ठिकाने का पता चल गया और इसके ठीक दो दिन बाद एटीएस को उसेपुणे से गिरफ्तार कर लिया। यानी कि जिस मार्च के बाद से ही एटीएस रमेश के परिवार के लोगों की कॉल ट्रेस कर रही थी और परिवार में फोन आते ही उसका लोकेशन मिल गया। जिसकी वजह से उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी।

इनकी हुई थी गोरखपुर से गिरफ्तारी

मुकेश प्रसाद (24 वर्ष) पुत्र जलेश्वर प्रसाद, गोपालगंज, बिहार

मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय (23 वर्ष) पुत्र युसुफ अंसारी कुशीनगर, पडरौना

सुशील राय (25 वर्ष)पुत्र प्रफुल्ल राय, आजमगढ़

दयानन्द यादव (28 वर्ष) पुत्र सुदामा यादव खोराबार गोरखपुर

नसीम अहमद (40 वर्ष) व अरशद नईम (35 वर्ष) पुत्र नईम अहमद गोलघर, गोरखपुर।

यह भी चढ़े थे हत्थे

संजय सरोज (31 वर्ष) पुत्र स्व। राम खेलावन,ग्राम पोस्ट भगेसरा, जिला प्रतापगढ़

नीरज मिश्र (25 वर्ष) पुत्र राकेश मिश्र ग्राम पोस्ट भगेसरा, जिला प्रतापगढ़

साहील मसीह (27 वर्ष) पुत्र अमर सिंह, लखनऊ

शंकर सिंह पुत्र उमा प्रताप सिंह बीडा, थाना सेमरिया, रीवा, मध्यप्रदेश