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LUCKNOW: कैबिनेट ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में 11 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा जल निगम के अध्यक्ष के पद को दोबारा लाभ का पद बनाने के लिए विधेयक लाने, एलआईसी की स्टैंप ड्यूटी को समाप्त करने, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू करने और कैग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने समेत दस फैसलों पर मुहर लगाई है।

जल निगम अध्यक्ष का पद अब लाभ का  

कैबिनेट ने जल निगम के अध्यक्ष के पद को दोबारा लाभ का पद बनाने के लिए विधेयक लाने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। ध्यान रहे कि सपा सरकार में नगर विकास मंत्री एवं जल निगम के अध्यक्ष आजम खान ने इसे लाभ के पद के दायरे से हटवा दिया था जिसे लेकर खासा विवाद भी हुआ था। भाजपा सरकार आने के बाद इस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए ऑर्डिनेंस लाया गया था। अब इसे विधेयक के रूप में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। कैबिनेट ने उप्र जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था अधिनियम, 1975 की धारा सात की उपधारा तीन को निकाले जाने के प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जल निगम के चेयरमैन का पद लाभ का पद हो जाएगा और उसे निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था को नियंत्रित करने का भी अधिकार होगा। शीतकालीन सत्र में यह संशोधन विधेयक आ सकता है।

विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना होगी लागू

कैबिनेट ने प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची आदि जैसे पारंपरिक स्वरोजगारियों तथा पारंपरिक हस्तशिल्प की कलाओं के प्रोत्साहन, संवर्धन एवं उनकी आय में वृद्धि के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू करने का निर्णय लिया। योजना के तहत कारीगरों और दस्तकारों को कौशल वृद्धि के लिए जनपद मुख्यालय या तहसील पर छह दिवसीय निशुल्क एवं आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस दौरान उन्हें मानदेय भी मिलेगा और खानपान की निशुल्क व्यवस्था रहेगी। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सर्टिफिकेट के साथ ट्रेड वार उन्नत टूल किट भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन और वित्तीय समस्या के समाधान के लिए मार्जिन मनी ऋण की भी व्यवस्था होगी।

आसरा योजना का बढ़ेगा दायरा

कैबिनेट ने आसरा योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें अल्पविकसित बस्तियों को भी शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। शहरी गरीबों के लिए अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में चलने वाली आसरा योजना के तहत कैबिनेट ने निर्णय लिया कि शासकीय योजनाओं के दायरे में आने वाली मलिन बस्तियों के लोगों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी और उनको लॉटरी प्रक्रिया में भी शामिल नहीं होना पड़ेगा।

नहीं देनी होगी स्टैंप ड्यूटी

इसके अलावा एलआईसी को अब रसीदी टिकट के झंझट से भी मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। यह स्टैंप ड्यूटी एलआईसी को राज्य सरकार को देनी होती है। व्यवस्था की गयी है कि एलआईसी के 10 मंडल मुख्यालयों की 216 शाखाओं द्वारा अब राज्य सरकार को तिमाही एकमुश्त स्टैंप ड्यूटी प्रदान की जाएगी जिसके एवज में वह एलआईसी के बांड इत्यादि में मुहर लगा सकेंगे।

अन्य कैबिनेट फैसले

- कैबिनेट ने विधानसभा के पटल पर 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वर्ष के लिए कैग की रिपोर्ट रखने को राज्यपाल से अनुमति लेने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।

- जौनपुर में अमृत योजना के तहत सीवरेज योजना के लिए 264 करोड़ रुपये का बजट प्रदान करने की कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

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