छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर में सीबीएसई 12वीं के टॉपर्स से बातचीत के दौरान इस लड़की ने खुलकर अपने दिल की बातें कहीं। डीएवी बिष्टुपुर की बायो साइंस की अरिबा को 12वीं में 94.6 प्रतिशत अंक मिले हैं। अब उसकी यही चाहत है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स से डाक्टरी की पढ़ाई कर दूसरों का सहारा बन सके। अरिबा ने जिन परिस्थितियों से जूझते हुए यह उपलब्धि हासिल की, वह दूसरों के लिए मिसाल है। अरिबा के अनुसार उसके जन्म के साथ ही पिता उसे और उसकी मां को छोड़कर चले गए। आज तक वापस नहीं लौटे। पिता के चले जाने के बाद मां को उसके नाना अब्दुल हकीम व नानी नुसरत हसीन ने सहारा दिया। अपनी दास्तान सुनाते भावुक हुई। फिर थोड़ा रुक कर कहा, इसलिए किसी तरह डाक्टरी की पढ़ाई पूरी कर समाज के जरूरतमंदों के लिए कुछ करना चाहती है। खासतौर से अपने जैसे उन बच्चों को सहारा देना चाहती है जो पढ़ना चाहते हैं लेकिन माता-पिता का साथ नहीं है। अरिबा ने बताया कि उसकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी उसके डीएवी पब्लिक स्कूल को हुई तो स्कूल प्रबंधन ने बड़ा सहारा दिया। एलकेजी से बारहवीं तक स्कूल प्रबंधन ने फीस माफ कर दी। कभी भी किताब खरीदने की नौबत नहीं आई। प्रिंसिपल, टीचर ने इसका हमेशा ध्यान दिया।